रियो ओलंपिक में भारतीय तिरंगे और डेढ़ करोड़ भारतवासियों का मान बढ़ाने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने एक राष्ट्र का गौरव बढ़ाने वाला एक और काम किया है।
दरअसल, सिंधु और उनके कोच गोपीचंद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सवाल-जवाब का दौर लंबा चला। इसी बीच, उन्होंने कहा कि सवाल-जवाब बहुत हो गए अब राष्ट्रगान के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन करेंगे।
संभवत: यह पहला मौका है कि जब किसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को राष्ट्रगान के साथ समाप्त किया हो। गोपीचंद ने माइक लेकर पूरा राष्ट्रगान गया। निश्चित ही ऐसी खिलाड़ी और उनके कोच पर पूरे भारत को गर्व होना चाहिए।
मैं भारतीय हूं : बातचीत के दौरान जब पत्रकारों ने सिंधु से सवाल किया था लोग आपकी जाति को लेकर झगड़ रहे थे, इस पर सिंधु ने कहा कि मैं सिर्फ भारतीय हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बधाई से मेरा हौसला बढ़ा। अन्य खिलाड़ियों में भी सकारात्मकता बढ़ी।
सिंधु ने कहा कि देश में खेलों को लेकर अच्छा माहौल है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी बहुत आगे जाना है। अभी वे अपनी क्षमताओं और पूर्णता से दूर हैं। वे इससे कहीं और ज्यादा हासिल करने की क्षमता रखती हैं।
सिंधु को बहुत कुछ सीखना है : सिंधु के खेल और उनकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए के कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि जब जरूरत थी तब सिंधु ने अच्छा काम किया। सिंधु को खुद पर भी भरोसा था मगर अब भी सिंधु को बहुत कुछ सीखना है। गोपीचंद ने कहा कि हमें सरकार से मदद मिली है, लेकिन अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। हम ग्रास रूट की बात करते हैं, लेकिन बदलाव होना बाकी है।