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कोरिया ओपन जीतने के बाद पीवी सिंधू की प्रतिक्रिया...

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सोल , रविवार, 17 सितम्बर 2017 (20:12 IST)
सोल। पीवी सिंधू ने आज कहा कि जब वह यहां कोरिया ओपन के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराने की रणनीति बना रही थीं तो विश्व चैम्पियनशिप का फाइनल उनके दिमाग में नहीं चल रहा था।
 
ओकुहारा के खिलाफ लगातार फाइनल खेल रही ओलंपिक रजत पदकधारी सिंधू ने इस जापानी  खिलाड़ी को 22-20, 11-21, 20-18 से हराकर विश्व चैम्पियनशिप में मिली हार का बदला चुकता किया।
 
सिंधू से जब पूछा कि क्या उनके दिमाग में विश्व चैम्पियनिशप का फाइनल था तो उन्होंने  पत्रकारों से कहा, ‘मैं विश्व चैम्पियनशिप में 19-17 से आगे होने के बावजूद हार गई थी,  हालांकि लंबी रैलियां हुईं लेकिन मेरे दिमाग में वह मैच नहीं चल रहा था। मैं खुद को कह रही  थी कि अगला अंक अहम है। मुझे शटल पर नियंत्रण बनाए रखना होगा इसलिए कुछ और  चीज मेरे दिमाग में नहीं थी।’ 
 
फाइनल के बारे में बात करते हुए सिंधू ने कहा, ‘मैं विश्व चैम्पियनशिप में खेलने के बाद उससे दोबारा खेल रही थी और हर अंक थकाने वाला था। पहले गेम में हम 20-20 से बराबरी पर थी और मैंने इसका रूख बदलते हुए जीत लिया।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘दूसरे गेम में मेरे सारे शाट बाहर जा रहे थे, मैं शटल पर काबू नहीं कर सकी। यह काफी बड़ी बढ़त थी और अगर मैंने कोशिश भी की होती तो मैं आसानी से हार गई होती।’ 
 
सिंधू ने कहा, ‘तीसरे गेम में हर अंक अहम था, मैं हालांकि 11 अंक से बढ़त बनाए थी लेकिन उसने वापसी की और 11 अंक के बाद प्रत्येक अंक बड़ी रैली रहा जैसा कि विश्व चैम्पियनशिप में था और कोई भी हार नहीं मान रहा था।’
 
सिंधू और ओकुहारा के लगातार फाइनल में भिड़ने से काफी उम्मीदें लग गयी हैं कि ए दोनों अगले हफ्ते होने वाली जापान सुपर सीरीज प्रीमियर में भी एक दूसरे के आमने-सामने हो सकती हैं।
 
सिंधू ने कहा, ‘ऐसा नहीं है, कोई भी खिलाड़ी हो सकती हैं। विश्व चैम्पियनशिप के तुरंत बाद  यह दूसरी बार है जब मैं उसके खिलाफ फाइनल खेल रही थी।’ उन्होंने कहा, ‘पहले भी हर  कोई कहता था कि फाइनल में कैरोलिना मारिन पहुंचेंगी लेकिन अब वे कह रहे हैं कि जापान में  फिर ओकुहारा फाइनल में होगी लेकिन मुझे लगता है कि आपको किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ  खेलना पड़ सकता है और आपको उन्हें हराकर जीत दर्ज करनी होगी।’ 
 
मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि सिंधू ने कोरिया ओपन से पहले अपने आक्रामक गेम पर काम किया था और बची हुई सुपर सीरीज प्रतियोगिताओं में अच्छा खेलना अहम होगा जिससे ही वह दिसंबर में दुबई सुपर सीरीज फाइनल के बारे में सोच सकती हैं।
 
गोपीचंद ने कहा, ‘हमने आक्रामक होने पर थोड़ा काम किया था, ऐसा नहीं है कि हमारे पास काफी समय था लेकिन हमने कोरिया की तैयारी से पहले जितना भी समय मिला, ग्लास्गो में उसके द्वारा की गयी गलतियों को दूर करने की कोशिश की।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगले हफ्ते जापान में प्रीमियर सुपर सीरीज होगी, फिर डेनमार्क, फ्रांस, चीन और हांगकांग में। यह अहम होगा कि हमें साल के अंत में दुबई फाइनल से पहले एक एक टूर्नामेंट पर ही ध्यान लगाना होगा।’ (भाषा) 

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