नई दिल्ली। मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) को उम्र के साथ हेराफेरी करने वाले खिलाड़ियों को प्रतिबंधित कर देना चाहिए ताकि गलत करने वालों के लिए उदाहरण पेश हो सके।
गोपीचंद ने कहा, मुझे लगता है कि आपको यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ निर्णय और मजबूत उदाहरणों की आवश्यकता है। उम्र कम करना अपराध की तरह है इसलिए ऐसे खिलाड़ियों को प्रतिबंधित होना चाहिए।
भारतीय खेलों में उम्र के साथ हेराफेरी करना बड़ी समस्या है जिससे निपटने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) जैसे संघों ने इसके दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया।
भारतीय टीम के पूर्व कोच विमल कुमार का मानना है कि खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करना सही नहीं होगा। साइना नेहवाल को 2015 में विश्व रैंकिंग में नंबर एक और ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले इस कोच ने कहा, किसी खिलाड़ी को 2-3 साल के लिए प्रतिबंधित करना सही होगा। निलंबन से प्रतिभा का नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, अगर कोई खिलाड़ी अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 टूर्नामेंटों में अधिक उम्र का पाया जाता है और आपके पास उम्र से हेराफेरी का सबूत है तो ऐसे खिलाड़ियों को यह सजा दी जा सकती है कि वह किसी आयु वर्ग के टूर्नामेंट में नहीं खेल सके और सिर्फ सीनियर टूर्नामेंट में खेल पाए।