Wrestlers Protest एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट मिलने के लिए साथी पहलवानों के विरोध का सामना कर रहे आंदोलनकारी पहलवानों ने आईओए के तदर्थ पैनल से इस तरह की छूट की मांग करने से इनकार किया और कहा कि अगर यह साबित हो गया तो वे कुश्ती छोड़ देंगे।लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने तदर्थ पैनल के फैसले पर सवाल उठाये थे कि क्या ये पहलवान इस तरह की छूट हासिल करने के लिए ही विरोध कर रहे थे। उन्होंने जूनियर पहलवानों, उनके कोचों और अभिभावकों से इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही थी।
योगेश्वर दत्त ने कुछ और भी आरोप लगाये थे और बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की तिकड़ी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स को संबोधित करते हुए पूर्व पहलवान और अब भाजपा नेता द्वारा की गयी टिप्पणियों का जवाब दिया।साक्षी ने कहा, हमने ट्रायल्स में छूट नहीं मांगी थी, बस तैयारी के लिए समय मांगा था। रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी ने कहा, हमने किसी का भी अधिकार नहीं छीना। हमने सिर्फ समय मांगा था क्योंकि हम कुश्ती से छह महीने दूर रहे थे लेकिन आप गलत जानकारी फैला रहे हो।
तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने कहा, अगर आपको एक मुकाबले के ट्रायल से परेशानी थी तो आपको खेल मंत्री के पास जाना चाहिए था। लेकिन आपने सोशल मीडिया के जरिए जहर फैलाने का फैसला किया। उन्होंने साथ ही कहा, अगर यह साबित हो जाए कि हमने छूट मांगी थी तो हम कुश्ती छोड़ने को तैयार हैं। हमने छूट के लिए कभी कोई पत्र नहीं लिखा।
हालांकि तीनों पहलवानों में से किसी ने भी यह नहीं कहा कि वे पूर्ण ड्रा में खेलने के इच्छुक हैं और फाइनल में सीधे प्रवेश स्वीकार नहीं करेंगे।पता चला है कि तदर्थ पैनल में शामिल किए गए दो कोच ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग ने ही छह पहलवानों के लिए ट्रायल से छूट मांगी थी।ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान जंतर-मंतर पर उनके साथ थे।
साक्षी ने योगेश्वर दत्त से गलत संदेश फैलाने से बचने को कहा कि छह पहलवान सिर्फ जीतना चाहते थे और एक ट्रायल में भाग लेना चाहते थे। उन्होंने कहा, अपने जीवन में हम कभी भी बिना किसी ट्रायल्स के नहीं रहे और कभी भी किसी जूनियर को वंचित नहीं किया। इस तिकड़ी के अलावा बजरंग की पत्नी संगीता फोगाट, साक्षी के पति सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा को छूट दी गई है।
फोगाट ने बिना तारीख वाला पत्र साझा किया, ट्रायल्स से छूट नहीं, अतिरिक्त समय मांगा था
विनेश फोगाट ने रविवार को सोशल मीडिया पर यह साबित करने के लिए बिना तारीख वाला एक पत्र साझा किया कि प्रदर्शन कर रहे छह पहलवानों ने एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट देने की मांग नहीं की थी और केवल उन्होंने तैयारी के लिए अगस्त तक समय मांगा था।विनेश ने इस पत्र की फोटो साझा की जिसमें उनके सहित छह पहलवानों का जिक्र है जिन्होंने ट्रायल्स से पहले ट्रेनिंग के लिए कुछ अतिरिक्त समय मांगा था।
आईओए के तदर्थ पैनल ने प्रदर्शनकारी इन छह पहलवानों को छूट देते हुए केवल एक मुकाबले का ट्रायल कराने का फैसला किया था लेकिन कई स्थापित और उभरते हुए पहलवानों ने इसकी आलोचना करते हुए प्रत्येक के लिए निष्पक्ष ट्रायल्स की मांग की थी।विनेश ने हालांकि यह नहीं कहा कि वे पूरे ट्रायल्स में हिस्सा लेने के इच्छुक हैं जैसे कि सभी अन्य पहलवान ले रहे हैं।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को संबोधित करते हुए इस बिना तारीख वाले पत्र में लिखा है, निवेदन है कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले कुछ पहलवानों को एशियाई खेल 2023 और विश्व चैम्पियनशिप 2023 के ट्रायल्स की तैयारी के लिए कुछ समय की आवश्यकता है जिनके नाम निम्नलिखित हैं।
इसमें अनुरोध विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवान बजरंग पूनिया (65 किग्रा), साक्षी मलिक (62 किग्रा) और उनके पति सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा), संगीता फोगाट (57 किग्रा), जितेंदर कुमार (86 किग्रा) और खुद विनेश (53 किग्रा) के लिए किया गया था।इस पत्र में छह पहलवानों के हस्ताक्षर हैं जिसमें लिखा, कृपया करके इन पहलवानों के ट्रायल्स 10 अगस्त 2023 के बाद कराये जायें।
पत्र के साथ ही विनेश ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, हम आंदोलित पहलवानों ने ट्रायल्स को सिर्फ आगे बढ़ाने के लिए चिट्ठी लिखी थी क्योंकि पिछले छह महीने से आंदोलन में शामिल होने के कारण हम अभ्यास नहीं कर पाए।
उन्होंने साथ ही लिखा, हम इस मामले की गंभीरता को समझते हैं इसलिए यह चिट्ठी आपसे साझा कर रहे हैं। दुश्मन पहलवानों की एकता में सेंध लगाना चाहता है, हम उन्हें कामयाब नहीं होने दे सकते।
पता चला है कि आईओए के तदर्थ पैनल में शामिल किये गये कोच ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग ने इन छह पहलवानों के लिये छूट मांगी थी।भारतीय ओलंपिक संघ को एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) को 15 जुलाई तक सभी भारतीय टीमों के नामों की प्रविष्टियां देनी हैं।
पहलवानों के 10 अगस्त तक ट्रायल्स के अनुरोध को मानने के लिए आईओए ने इस अंतिम तारीख को बढ़ाने के लिए ओसीए से संपर्क किया है। हालांकि अभी तक ओसीए ने उनके इस अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।(भाषा)