नई दिल्ली। प्रो रेसलिंग लीग-3 से भारतीय पहलवानों की कुशलता के साथ-साथ प्रबंधक, कॉमेंटेटर और टीवी पर प्रस्तुति की पद्धति में भी निपुणता देखी गई है। यह प्रयास भारतीय कुश्ती के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह कहना है फिल्म 'दंगल' के लिए सुपर स्टार आमिर खान और अन्य कलाकारों को कुश्ती सिखाने वाले इंदौर के अर्जुन अवार्डी पहलवान कृपाशंकर बिश्नोई का।
बिश्नोई ने दिल्ली में आयोजित मास्टर चंदगीराम अखाड़े के 'पगड़ी समारोह' आयोजन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि कुश्ती लीग से न केवल भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों को अच्छी खासी आमदनी हुई है, बल्कि भारतीय पहलवानों के लिए यह सीखने का एक बड़ा मंच भी साबित हुआ है, जहां कई भारतीयों ने दिग्गज विदेशी महिला पहलवानों को भी शिकस्त दी है।
प्रो स्पोर्टीफाई के संयुक्त उपक्रम की सराहना करते हुए बिश्नोई ने कहा कि यह दुनियाभर के पहलवानों के लिए एक ऐसा मंच बना है, जहां इस खेल की आवाज बुलंद हुई है और इसका सम्पूर्ण श्रेय प्रो रेसलिंग लीग के संस्थापक और प्रमोटर कार्तिक शर्मा व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह शरण को जाता है, जिन्होंने लीग के माध्यम से देश में बहुत अच्छा कुश्ती खेल का वातावरण निर्मित किया।
बिश्नोई ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं उस खेल से जुड़ा हूं जिस खेल की लीग (पीडब्ल्यूएल) को सोनी टीवी पर आईपीएल के बाद सबसे अधिक बार देखा गया है। इसके दर्शकों की संख्या 85 करोड़ तक पहुंच गई है। इसकी कमेंट्री टीम के दो दिग्गजों से मैं वाकिफ हूं। एक मनोज जोशी हैं, जिनकी कमेंट्री मैं बचपन से सुनता आ रहा हूं, जिन्होंने मेरे बहुत मुक़ाबलों की कमेंट्री की है।उनकी आवाज़ कुश्ती के हर छोटे-बड़े लम्हों की साक्षी रही है। उन्हें `कुश्ती की आवाज` कहना ग़लत नहीं होगा।
उनके अलावा दूसरे जगदीश कालीरमण हैं, जो मेरे गुरु भाई हैं। उन्होंने पहले पहलवान के तौर पर और फिर अब कमेंटेटर के तौर पर अलग पहचान बनाई है। प्रो रेसलिंग लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील यश कालरा ने लीग के लिए उनके प्रबंधन तथा नियंत्रण कार्यों को बेहतर तरीके से अंजाम दिया है।
इस सफलता में प्रो स्पोर्टीफाई और भारतीय कुश्ती संघ की आपसी समझ व तालमेल को निभाने में भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर के महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।