FIDE World Cup में असाधारण प्रदर्शन करने वाले आर प्रज्ञानानंदा को उम्मीद है कि इससे लोग भारतीय शतरंज पर गौर करने लगेंगे।प्रज्ञानानंदा को बाकू में हुए फिडे विश्व कप फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने टाइब्रेक में हराया।भारत के इस उदीयमान धुरंधर ने बाकू से पीटीआई से कहा , फाइनल में पहुंचकर बहुत अच्छा लगा। मैं आज जीत नहीं सका लेकिन शतरंज में यह चलता है।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें अहसास है कि उन्होंने क्या हासिल किया है, उन्होंने कहा , अभी नहीं। लेकिन यह अहसास होगा।उन्होंने कहा , यह खेल के लिये अच्छा है। मुझे खुशी है कि इतने लोग इसे देख रहे हैं। इतने बच्चे देखने आ रहे हैं। इससे और लोग शतरंज खेलने को प्रेरित होंगे। मेरा मानना है कि लोग भारतीय शतरंज पर गौर करना शुरू करेंगे। यह अच्छी बात है।
पिछले दो महीने से लगातार खेल रहे प्रज्ञानानंदा ने कहा , मैं लगातार खेल रहा हूं इसलिये मुझे इस टूर्नामेंट की तैयारी का अधिक समय नहीं मिला । मुझे अपने विरोधियों के खेल को देखने के लिये एक सप्ताह ही मिला । मुझे लगा नहीं था कि फाइनल तक पहुंच सकूंगा लेकिन मैं बहुत खुश हूं ।उन्होंने कहा , मैं थक चुका हूं और अब आराम करना चाहता हूं । सोमवार से एक और टूर्नामेंट खेलना है।
प्रज्ञानानंदा के प्रदर्शन से भारतीय शतरंज को बढावा मिलेगा, कहा खिलाड़ियों और अधिकारियों ने
भारत के उदीयमान शतरंज खिलाड़ियों और अधिकारियों का मानना है कि फिडे विश्व कप में आर प्रज्ञानानंदा के शानदार प्रदर्शन से भारतीय शतरंज को वैश्विक स्तर पर और उपलब्धियां हासिल करने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रज्ञानानंदा बाकू में हुए शतरंज विश्व कप के फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से हारकर उपविजेता रहे।
भारतीय शतरंज महासंघ के उपाध्यक्ष और कर्नाटक प्रदेश शतरंज संघ के सचिव डी पी अनंता ने पीटीआई से कहा , यह भारतीय शतरंज के लिये शानदार पल है। यह मायने नहीं रखता कि प्रज्ञानानंदा विश्व कप नहीं जीत सका।
उन्होंने कहा , उसने इतने बड़े टूर्नामेंट में कार्लसन जैसे दिग्गज खिलाड़ी के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया ।भारत धीरे धीरे शतरंज की महाशक्ति बनता जा रहा है। अब हमारे पास आनंद के बाद एक विश्व कप उपविजेता भी है। पहले रूस, अमेरिका और यूरोपीय देशों का शतरंज में दबदबा था लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
पिछले साल भारत के 76वें ग्रैंडमास्टर बने प्रणव आनंद ने कहा , मैं विश्व कप के मैच करीब से देख रहा था। प्रज्ञानानंदा ने शानदार प्रदर्शन किया। हिकारू नकामूरा और फेबियानो कारूआना जैसे खिलाड़ियों को हराना छोटी बात नहीं है ।एशियाई खेल 2010 के कांस्य पदक विजेता केरल के ग्रैंडमास्टर जी एन गोपाल ने कहा , इतने युवा खिलाड़ी का इस स्तर पर पहुंचना अद्भुत है। इससे उसकी मानसिक दृढता का पता चलता है। यह भी पता चलता है कि भारतीय शतरंज सही दिशा में जा रहा है।(भाषा)