बेंगलुरु। चोट के कारण लगभग चार महीने से मैदान से बाहर रहने वाले भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान एवं गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा है कि युवाओं के साथ अपना अनुभव साझा करना उनके लिए बेहद खास है।
श्रीजेश चोट के कारण लगभग चार महीने हॉकी से दूर रहे थे। इस कारण वे लंदन में हुई वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में हिस्सा नहीं ले पाए थे। हालांकि श्रीजेश अब पूरी तरह से चोट से उबर चुके हैं और वे यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) स्थित राष्ट्रीय अभ्यास सत्र में अपने टीम साथियों के साथ जुड़ चुके हैं।
श्रीजेश ने बुधवार को अभ्यास सत्र से इतर कहा, राष्ट्रीय अभ्यास शिविर में फिर लौटने से मैं काफी खुश हूं। मैंने यहां पर अपने टीम साथियों के साथ अभ्यास भी शुरु कर दिया है। जब आप टीम के साथ होते हैं तो आपको प्रत्येक दिन कड़ी मेहनत करनी होती है। अब मैं जल्द से जल्द मैदान पर वापसी करना चाहता हूं, ताकि मैं युवाओं के साथ अपना अनुभव बांट सकूं और टीम के लिए अपना योगदान दे सकूं।
गोलकीपर श्रीजेश उस भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे जिसने गत वर्ष लंदन में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता था, लेकिन इस वर्ष जब टीम ने मलेशिया में 26वें सुल्तान अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत की तो श्रीजेश गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में चोटिल हो गए थे।
29 वर्षीय श्रीजेश ने कहा, मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव साझा करना मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण है। मैं उनको उनके प्रदर्शन के बार में बताना चाहता हूं। इससे मुझे भी अपने खेल में सुधार करने में मदद मिलेगी और मैं भी उनसे काफी कुछ सीख सकता हूं। जब मैं मैदान पर रहूंगा तो जहां सुधार की गुंजाइश होगी, मैं वहां सुधार करूंगा।
कप्तान ने कहा, जब आप टीम में होते हैं तो आपको जिम्मेदारी संभालने की जरुरत होती है। इसके बाद फिर आप अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में ज्यादा नहीं सोचते। जब आप टीम में खेलते हैं तो आपको अपना शत-प्रतिशत देना होता है। इसके बाद फिर आपको एकजुट होकर प्रदर्शन करना होता है।
उन्होंने नए कोच के बारे में कहा, नए कोच आने से टीम को नई दिशा मिलेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे साथ-साथ टीम के बाकी खिलाड़ी भी नए कोच के साथ अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर उत्साहित हैं। (वार्ता)