बर्लिन। आम तौर पर जर्मन बुंदेसलीगा लीग में जब बोरूसिया डॉर्टमंड और शाल्के का सामना होता है तो मैदान में 80000 से अधिक फुटबॉल प्रेमियों के शोर से आकाश गूंजने लगता है लेकिन कोरोना महामारी के साये में हो रही इतिहास की ‘सबसे असामान्य’ डर्बी में अब युवा फुटबॉलरों को मिलेगा बस नीरव सन्नाटा।
शाल्के के खिलाफ इस मैच में ना तो जज्बात का सैलाब उमड़ेगा और ना ही हौसलाअफजाई के लिए तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देगी। दर्शकों के बिना खेले जाने वाले इस मुकाबले में चुनिंदा मीडियाकर्मी और अधिकारी ही मौजूद होंगे। यहां तक कि राष्ट्रीय टीम के कोच जोकिम ल्यू को भी आने की अनुमति नहीं है।
डॉर्टमंड के पूर्व कप्तान सेबेस्टियन केल ने स्थानीय मीडिया से कहा, ‘इतिहास में ऐसा मुकाबला कभी देखने को नहीं मिला होगा।’ डॉर्टमंड शीर्ष पर काबिज बायर्न म्युनिख से चार अंक पीछे है जो रविवार को यूनियन बर्लिन से खेलेगा।
बुंदेसलीगा पहली यूरोपीय लीग होगी जहां सत्र की बहाली हो रही है। इंग्लैंड, स्पेन और इटली में अभी फुटबॉल की बहाली में एक महीना और लगेगा। लीग के दौरान स्थानापन्न खिलाड़ी मास्क पहनेंगे। गोल का जश्न कोहनी टकराकर मनाया जाएंगा। ना तो कोई हाथ मिलाएगा और ना गले मिलेगा। ना तो किसी टीम को घर में खेलने का फायदा मिलेगा और ना मेहमान टीम घाटे में रहेगी। (भाषा)