Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

11 गोल्ड मेडल जीतकर अपने फूफाजी बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं बांधवी, इंदौर से की है पढ़ाई

हमें फॉलो करें 11 गोल्ड मेडल जीतकर अपने फूफाजी बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं बांधवी, इंदौर से की है पढ़ाई
, शनिवार, 11 दिसंबर 2021 (13:26 IST)
देश के पहले मुख्य रक्षा अध्यक्ष विपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में हैलीकॉप्टर क्रैश से मृत्यू हो गई। इस घटना के बाद पूरा देश गमगीन था।

गम में तो उनकी बांधवी सिंह भी थी लेकिन उन्होंने अपने फूफा की बाते याद थीं। राष्ट्रीय शूटर बांधवी ने इस दुख के समय भी अपना ध्यान नहीं भटकने दिया और भोपाल में आयोजित हुई राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 11 गोल्ड मेडल जीत लिए।

बांधवी सिंह ने यह 11 मेडल अपने फूफा को समर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बांधवी सिंह ने कहा कि इस टूर्नामेंट के हर इवेंट में वह गोल्ड जीतने उतरी थी क्योंकि इस बार वह अपने फूफा जनरल विपिन रावत बुआ मधुलिका और अन्य शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को यह मेडल समर्पित करना चाहती थी।

विपिन रावत ने कहा था हर इवेंट में जीतो गोल्ड

आखिरी चैंपियनशिप में उन्होंने 8 मेडल जीते थे। इसमें से 5 मेडल गोल्ड मेडल थे। जनरल विपिन रावत को अपना गाइड बताते हुए बांधवी सिंह ने कहा  "उन्होंने ही मुझसे कहा था कि इस बार हर इवेंट में तुम्हें गोल्ड पर निशान लगाता है। शायद यही कारण है कि दुख की इस घड़ी में भी बांधवी ने अपने गोल्ड मेडल की संख्या दोगुनी कर ली है।"

अपने 20वें जन्मदिन से एक हफ्ता दूर खड़ी बांधवी यशवर्धन सिंह की बेटी हैं। यशवर्धन सिंह जनरल विपिन रावत की पत्नी मधुलिका सिंह के भाई हैं। जैसे ही कून्नर के समीप एमआई 17 वीएस चॉपर की दुर्घटना की खबर सामने आयी यशवर्धन ने तुरंत दिल्ली के लिए हवाई यात्रा की थी।

शुक्रवार को समाप्त हुई इस चैंपियनशिप में बांधवी को .22 कैलिबर और 50 मीटर की शूटिंग वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन घोषित किया गया। इसके बाद वह तुरंत ही वह जनरल विपिन रावत और मधुलिका के अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली रवाना हो गई।
webdunia

एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते वक्त बांधवी ने बताया कि जनरल विपिन रावत कम बोलते थे लेकिन उनके शब्द प्रेरणादाय होते थे। यही कारण था कि उनके शब्द बांधवी के कानों में गूंज रहे थे। वह कहते थे कि जब कोई किसी काम को करने की ठान ले तो उसे पूरे किए बिना उसे नहीं रुकना चाहिए। यही कारण रहा कि उनकी मृत्यू की खबर के बाद भी बांधवी का हौसला बना रहा।

जनरल रावत से बांधवी अक्टूबर के महीने में मिली थी। पेरू की विश्व चैंपियनशिप के बाद उन्होंने 2 दिन दिल्ली में जनरल रावत और उनकी पत्नि मधुलिका के साथ समय बिताने का मौका मिला था। बांधवी ने कहा कि जब जब विपिन रावत से बात होती थी तो कुछ नया सीखने को मिलता था।

हॉकी में भी थी राष्ट्रीय चैंपियन

मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी भोपाल की सदस्य बांधवी इतिहास के विषय से स्नात्कोत्तर कर रही है। उन्होंने 10वीं कक्षा में ही शूटिंग खेल को अपना लिया था।

यही नहीं बांधवी ने बताया कि वह हॉकी में कक्षा 6 और 12वीं तक लगातार 6 साल तक राष्ट्रीय चैंपियन रही। इसके बाद वह इंदौर के डेली कॉलेज में पढ़ी और उनका शूटिंग की ओर झुकाव हो गया।(वेबदुनिया डेस्क)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बतौर कप्तान कमिंस की विजयी शुरुआत, ऑस्ट्रेलिया ने एशेज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड को 9 विकेट से हराया