नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन टीम के विदेशी कोच आगुस ड्वी सांतोसो ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है लेकिन केवल चार खिलाड़ियों के साथ राष्ट्रीय शिविर का आयोजन करना सही नहीं है। सांतोसो ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से भारत की ओलंपिक तैयारियों में मदद करने के लिए अच्छे खिलाड़ियों को अभ्यास की अनुमति देने का आग्रह किया है। साई ने एक अगस्त को तेलंगाना सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ओलंपिक में जगह बनाने के दावेदार आठ खिलाड़ियों के लिए शिविर लगाने की अनुमति दी थी लेकिन साई पुलेला गोपीचंद अकादमी हैदराबाद में अभी केवल चार खिलाड़ी ही अभ्यास कर रहे हैं।
शीर्ष एकल खिलाड़ियों के साथ काम करने के लिए नियुक्त किए गए सांतोसो ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि अभ्यास शुरू हो गया है। वर्तमान स्थिति अब भी चिंताजनक है लेकिन हमें इस वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा। हम सरकार के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं लेकिन मुझे अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए अधिक खिलाड़ी चाहिए।’ ओलंपिक के 8 दावेदारों में से अभी केवल महिला विश्व चैंपियन पी वी सिंधू, बी साई प्रणीत, महिला युगल विशेषज्ञ सिक्की रेड्डी और विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ही शिविर में अभ्यास कर रहे हैं।
विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना नेहवाल अभी शिविर से नहीं जुड़ी है और अपने पति पारुपल्ली कश्यप और कुछ अन्य के साथ अलग से अभ्यास कर रही है। कोविड-19 के लिये पॉजीटिव पाए गए सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी आंध्र प्रदेश में अपने गृहनगर अमलापुरम में हैं जबकि उनके युगल साथी चिराग शेट्टी मुंबई में हैं। अश्विनी पोनप्पा ने बेंग्लुरु में रहने को प्राथमिकता दी और वह पादुकोण-द्रविड़ सेंटर ऑफ स्पोर्ट्स एक्सीलेन्स में अभ्यास कर रही है।
सांतोसो ने कहा, ‘मैं इस महामारी में आठ खिलाड़ियों को शिविर में भाग लेने की अनुमति देने के साई के फैसले को समझता हूं लेकिन केवल चार खिलाड़ी ही अभ्यास कर रहे हैं। इसलिए मेरे अभ्यास कार्यक्रम में बहुत अधिक खिलाड़ी नहीं हैं। मैं शीर्ष स्तर के अधिक खिलाड़ी चाहता हूं क्योंकि बैडमिंटन दिमागी खेल है और इसमें ‘टीमवर्क’ की जरूरत पड़ती है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुझे अधिक खिलाड़ियों को अभ्यास की अनुमति देने के लिए साई से सहयोग की उम्मीद है। एक बार ऐसा होने पर हम टोक्यो ओलंपिक सहित टूर्नामेंटों की बेहतर तैयारी कर सकते हैं और उनके में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।’
भारत के बैडमिंटन खेल में आगे बढ़ने के बारे में इस इंडोनिशयाई कोच ने कहा, ‘भारत के पास कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी है लेकिन ओलंपिक में पदक की संभावना कई चीजों पर निर्भर करती है। मुझे खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए जो सहयोग और स्वतंत्रता मिली है उससे मैं खुश हूं।’