नई दिल्ली: भारतीय पुरूष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में मिले ऐतिहासिक कांस्य का जश्न अब बंद करके अगले साल के एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने पर फोकस करना होगा ताकि पेरिस ओलंपिक के लिये स्वत: क्वालीफिकेशन मिल सके।
टोक्यो में 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीतकर लौटी भारतीय पुरूष हॉकी टीम का लगातार यशगान हो रहा है । तीसरे स्थान के प्लेआफ मुकाबले में जर्मनी पर 5 . 4 से मिली जीत को एक महीना हो गया है और मनप्रीत ने कहा कि अब 2022 के लिये रणनीति बनाने का समय है।
उन्होंने हॉकी इंडिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा , पिछले कुछ सप्ताह में हमें लोगों का बहुत प्यार और तारीफ मिली। मुझे लगता है कि अब शरीर और दिमाग को आराम देने की जरूरत है।
मनप्रीत ने कहा , हमने सम्मान समारोहों का पूरा मजा लिया। हम इस प्यार और सम्मान से अभिभूत हैं लेकिन अब 2022 में बेहतर प्रदर्शन पर भी ध्यान देना है।
एशियाई खेल अगले साल 10 से 25 सितंबर तक चीन में होंगे। भारतीय टीम का लक्ष्य इसमें स्वर्ण पदक लेकर ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करना होगा।
मनप्रीत ने कहा , पिछली बार हम चूक गए थे और हमने कांस्य पदक जीता। हम खुशकिस्मत थे कि ओलंपिक क्वालीफाइंग मैच भारत में हुए लेकिन हर बार उस पर निर्भर नहीं रह सकते। हमें एशियाई खेल जीतने होंगे ताकि पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी के लिये पूरा समय मिल सकें।
भारतीय महिला हॉकी टीम भी ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही। मनप्रीत का मानना है कि इससे देश में खेल की लोकप्रियता बढेगी।
उन्होंने कहा , मुझे लगता है कि यह भारतीय हॉकी के लिये नयी शुरूआत है। महिला टीम ने भी अच्छा खेला है और हॉकी को वह समर्थन मिल रहा है जो कभी मिलता था।
टोक्यो ओलंपिक में शानदार रहा सफर
पुरुष हॉकी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। टोक्यो ओलंपिक मे टीम सिर्फ 2 मैच हारी। भारत ने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की हालांकि ऑस्ट्रेलिया से हुए अगले ही मैच में टीम को 1-7 से हार झेलनी पड़ी। लेकिन इसके बाद टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा अर्जेंटीना, जापान को हराकर टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची और ग्रेट ब्रिटेन को मात दी।
इसके बाद बेल्जियम से सेमीफाइनल मुकाबला 2-5 से हारने के बाद टीम ने वापसी की और कांस्य पदक मैच में जर्मनी को 5-4 से हराया।
मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो खेलों में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक के 41 साल के पदक के सूखे को खत्म किया। भारत ने इससे पहले मास्को खेलों (1980) में अपना आठवां और आखिरी स्वर्ण पदक जीता था।
अगले ओलंपिक में कोच की नजर गोल्ड पर
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच ग्राहम रीड ने कहा कि टोक्यो 2020 में ऐतिहासिक ओलंपिक पदक के बाद अगर भारतीय टीम तीन साल के बाद 2024 में पेरिस में होने वाले खेलों में गोल्ड मेडल जीतना चाहती है तो उसे बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया द्वारा निर्धारित मानदंडों (बेंचमार्क) का अनुसरण करने का प्रयास करना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया की हॉकी टीम 1980 के दशक से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो वहीं मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैम्पियन बेल्जियम ने पिछले 10 वर्षों में शानदार खेल दिखाया है। टीम टोक्यो में स्वर्ण जीतने से पहले रियो ओलंपिक (2016) में उपविजेता (रजत पदक) रही थी। उसने इसके अलावा 2018 में विश्व कप और 2019 में यूरोपीय चैंपियनशिप का खिताब भी हासिल किया।