चार बार ओलंपिक कुश्ती स्वर्ण पदक विजेता जापान की महिला पहलवान काओरी इको कुश्ती प्रशिक्षकों और महिलाओं को इस खेल में भागीदारी को बढावा देने व विकसित करने के लिए ईरान में अल्पकालिक कार्य पर लगभग 70 महिलाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य कर रही हैं।
उन्होंने ईरान देश में कोचिंग की कठिनाई और उत्तेजना के बारे में बात की, जहां महिला कुश्ती स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है जैसा कि जापान में होता है।
ईरानी महिलाओं के लिए, कुश्ती पूरी तरह से शरीर की वर्दी (महिलाओं की पोशाक) हेतु इस्लामिक ड्रेस कोड के साथ लगभग दो साल पहले शुरू हुई थी लगभग 100 महिलाओं ने प्रतिस्पर्धात्मक कुश्ती को अपनाया है।
ओलम्पिक चैम्पियन ने कहा 'यह मेरा पहला प्रशिक्षण अनुभव है, इसलिए यह मुश्किल है, लेकिन ईरान आने से पहले में चिंतित थी पर अब में इस देश में आने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूँ। मैं यहा हर दिन कुछ ना कुछ सीखा है।'
ईरान के कुश्ती महासंघ ने इको को एक विशेष कोच के रूप में आमंत्रित किया, जो मध्य पूर्व देश के चारों ओर से प्रशिक्षकों को विकसित करने के लिए आमंत्रित किया, जिन्होंने जूडो या अन्य प्रकार के खेल का अनुभव किया, ताकि वे युवा पहलवानों को विकसित कर सकें।
फरवरी में फेडरेशन अधिकारियों ने जापान में शिगाक्कन विश्वविद्यालय का दौरा किया, जहां इको और एक अन्य महान महिला पहलवान साओरी योशिदा यह देखने के लिए आए थे कि कैसे स्कूल विश्व-स्तरीय महिला पहलवानों को विकसित करता है।
उनके कार्यक्रम में प्रतिभागियों को तकनीक और सीखने की तकनीक जैसे सीखने के बाद प्रमाणित प्रशिक्षक बनने के लिए परीक्षण होंगे। ईरानी महिला प्रतिभागियों की तरह इको ने पोशाक पहना है।
जापानी महिला पहलवान इको ईरानी महिलाओं व प्रतिभागियों के काम व उनके नैतिक व्यवाहार से प्रभावित हुई, उन्होंने कहा ईरान में हर कोई कुश्ती कौशल सीखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
पिछले साल रियो डी जनेरियो में लगातार चार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली विश्व की पहली महिला पहलवान बनने के बाद, इको ने अपने कुश्ती कैरियर से संन्यास ले लिया है।
उन्होंने कहा यह एक बहुत ही मूल्यवान अनुभव है क्योंकि मैं भविष्य में एक कोचिंग कॅरियर के रूप में काम करना चाहती हूँ।