वैश्विक स्तर पर कुश्ती खेल का नियमन करने वाली संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को समय पर चुनाव न करवाने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।(UWW) का काम इस समय भारतीय ओलंपिक संघ के एक सदस्य के नेतृत्व में एक अस्थाई समिति देख रही है। अंतरराष्ट्रीय निकाय ने भारतीय कुश्ती निकाय के विरुद्ध कार्रवाई के संबंध में कोई औपचारिक वक्तव्य नहीं दिया है।
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के कार्यालय में इस बारे में संपर्क करने पर एक अधिकारी ने कहा, "हां खबरें तो हैं, पर बयान यूडब्ल्यूडब्ल्यू ही देगा।"
डब्ल्यूएफआई का संचालन कर रहे भूपेंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व वाले तदर्थ पैनल को चुनाव आयोजित करने के लिए 45 दिन की समय सीमा दी गई थी। संघ को मान्यता नहीं होने पर भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में 'तटस्थ एथलीटों' के रूप में भाग लेना होगा।
गौरतलब है कि महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की अगुवाई वाले शासी निकाय के हटाए जाने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने डब्ल्यूएफआई के संचालन के लिए 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल का गठन किया था।यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने 28 अप्रैल को चेतावनी दी थी कि अगर 45 दिन के अंदर चुनाव नहीं हुए तो डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया जायेगा।
मूल रूप से, डब्ल्यूएफआई के चुनाव सात मई को होने थे लेकिन खेल मंत्रालय ने उसे अमान्य घोषित कर दिया।कई राज्य निकायों ने चुनावों में भाग लेने का अधिकार मांगने के लिए अदालत का रुख किया, जिसके कारण चुनाव लगातार स्थगित होते रहे।चुनाव के लिए नवीनतम तारीख 12अगस्त चुनी गई थी लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को इनपर रोक लगा दी थी।
अगर यह निर्णय पलटा नहीं जाता है तो इसका खामियाजा पहलवानों को भुगतना पड़ेगा। 16 सितंबर से होने वाली विश्व चैंपियनशिप जो कि ओलंपिक क्वालिफायर भी है उसमें भारतीय पहलवानों को भारतीय ध्वज के नीचे खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में वह ओलंपिक में भी क्वालिफाय हो जाते हैं तो एक तटस्थ खिलाड़ी माने जाएंगे। जब तक यह फैसला नहीं पलटा जाता।