वनडे विश्वकप 2023 से पहले भारतीय खिलाड़ियों ने अपने खून, पसीने और कड़ी मेहनत से एशियाई खेलों में 107 पदकों के जादुई आंकड़े को छूकर देश को समय से पहले दिवाली का तोहफा देने के साथ 2024 के पेरिस ओलंपिक में अब तक की सबसे अच्छे प्रदर्शन का भरोसा दिया।
भारतीय खिलाड़ियों ने हांगझोउ में 107 पदक के साथ नया रिकॉर्ड कायम किया। खिलाडियों के जहन में यह आंकड़ा कम से कम 2026 में जापान के आइची-नागोया में होने वाले अगले खेलों तक जरूर रहेगा।
भारतीय खिलाड़ियों ने 2018 में इंडोनेशिया में 70 पदक जीते थे लेकिन हांगझोउ में उन्होंने बड़ा सुधार करते हुए 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक जीते।
भारतीय खिलाड़ियों ने अपने अभियान के आखिरी दिन 12 पदक जीते जिसमें छह स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक है।कुश्ती में बजरंग पूनिया ने निराश किया तो वहीं बैडमिंटन के पुरुष युगल में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने स्वर्ण पदक जीतकर प्रशंसकों को खुश किया।
कबड्डी में पुरुष और महिला टीमों ने जकार्ता में निराशा झेलने के बाद वापसी करते हुए स्वर्ण पदक जीते।युवा तीरंदाज ओजस देवताले और अभिषेक वर्मा ने कंपाउंड पुरुष व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण-रजत पदक हासिल किया।
तीरंदाज ज्योति वेन्नम ने भी देश की प्रतियोगिता के अंतिम दिन अपना स्वर्णिम क्षण बिताया। व्यक्तिगत महिला कंपाउंड स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल कर उन्होंने इस खेल की महाशक्ति दक्षिण कोरिया को दिखाया कि भारत अब उनकी बराबरी कर रहा है।
पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने दिन के अंत में देश को दो रजत पदक दिलाये जिससे भारत चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद चौथे स्थान पर है।भारत के चौथे स्थान पर बदलाव की संभावना नहीं है क्योंकि पांचवें स्थान पर मौजूद उज्बेकिस्तान के पास भारत के 28 की तुलना में 22 स्वर्ण हैं।
निशानेबाजों (22) और ट्रैक एवं फील्ड एथलीटों (29 पदक) से भी भारत की झोली में 51 पदक आ गये। इससे भारत ने बुधवार को ही इन खेलों के अपने पिछले सबसे अच्छे प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया था।भारतीय दल ने कई अप्रत्याशित पदक भी जीते जिसमें महिला टेबल टेनिस टीम का कांस्य (सुतीर्था मुखर्जी और अहिका मुखर्जी) शामिल है।
पारुल चौधरी ने महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में आखिरी 30 मीटर में कमाल करके स्वर्ण जीत लिया। भाला फेंक में ओलंपिक और विश्व चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण और किशोर जेना ने रजत पदक जीता।केनोइंग में अर्जुन सिंह और सुनील सिंह ने ऐतिहासिक कांस्य जीता जबकि 35 किमी पैदल चाल में रामबाबू और मंजू रानी को भी कांसा मिला।
इसके अलावा लंबे समय बाद शुरु हुए क्रिकेट में भी भारत ने दो गोल्ड मेडल जीते। महिलाओं ने श्रीलंका को हराकर तो पुरुषों को बेहतर रैंक के आधार पर सोने का तमगा मिला।