नई दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने 2018 को भारतीय हॉकी के लिए महत्वपूर्ण वर्ष बताते हुए गुरुवार को कहा कि टीम की नजर भुवनेश्वर में होने वाले विश्वकप में पदक जीतने पर टिकी हुई है। हॉकी विश्वकप का आयोजन इस साल नवंबर में ओडिशा में होना है। ओडिशा ने गत वर्ष नवंबर में एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स की मेजबानी भी की थी।
मनप्रीत ने हॉकी इंडिया और ओडिशा सरकार के बीच पांच साल के समझौते करार की घोषणा के अवसर पर कहा, यह साल हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें सुल्तान अजलान शाह, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्वकप में हिस्सा लेना है। टीम के सभी खिलाड़ियों की एक ही सोच है कि सभी टूर्नामेंटों में पदक जीतने हैं। हम इसके सिवाय कुछ और नहीं सोच रहे हैं।
हॉकी विश्वकप का आयोजन इस साल नवंबर में ओडिशा में होना है। ओडिशा ने गत वर्ष नवंबर में एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स की मेजबानी भी की थी। भारत ने विश्वकप के इतिहास में 1971 के पहले टूर्नामेंट में कांस्य पदक, 1973 में रजत पदक और 1975 में स्वर्ण पदक जीता था। भारत इन तीन विश्वकप के बाद फिर कभी सेमीफाइनल्स में नहीं पहुंच पाया।
भारतीय हॉकी टीम ने पिछले कुछ वर्षों में जैसा प्रदर्शन किया है उससे यह उम्मीद दिखाई दे रही है कि टीम इस बार पदक जीत सकती है। मनप्रीत ने साथ ही कहा, ओडिशा में हॉकी खेलने का एक अलग ही मजा है और खिलाड़ियों को दर्शकों का भरपूर समर्थन मिलता है। इससे उनके खेल का स्वर काफी ऊंचा हो जाता है।
कप्तान ने कहा, अच्छा लगता है कि ओडिशा में विश्वकप की मेजबानी हो रही है। जहां दर्शकों का अपार समर्थन मिलता है। हम ओडिशा में होने वाले विश्वकप को लेकर बेहद रोमांचित हैं। समारोह में मौजूद पूर्व भारतीय कप्तानों दिलीप टिर्की, धनराज पिल्लई और विरेन रक्सिना ने ओडिशा की मेजबानी की सराहना करते हुए कहा, दर्शकों का उत्साह जबर्दस्त है और अभ्यास मैच देखने ही हजारों दर्शक आ जाते हैं। पूरी उम्मीद है कि इस बार भारतीय टीम विश्वकप में पदक जीतने में कामयाब होगी। (वार्ता)