हिसार। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में सम्पन्न हुए राष्ट्रमंडलीय खेलों में भारत की पूजा ढांडा ने महिलाओं की 57 किलोग्राम भार वर्ग की कुश्ती प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। पूजा को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पूरे परिवार की बरसों की तपस्या रही है। मां कमलेश ढांडा ने कहा कि मेरी बेटी को मैंने बहुत पहले से 'गुड टच और बैड टच' की जानकारी दी थी।
पूजा ढांडा की मां कमलेश का कहना है कि कुश्ती के साथ-साथ कई खेल शारीरिक संपर्कता (बॉडी कॉन्टेक्ट) से जुड़े हैं, इसलिए खेलों में करियर बनाने का सपना देखने वाले टीन एज के उभरते व छोटे बच्चों को खेलों से पहले मां-बाप की यह जिम्मेदारी है कि वे उन्हें 'गुड टच और बैड टच' के बारे में आवश्यक जानकारियां दें।
श्रीमती कमलेश के अनुसार जिस तरह हम अपने बच्चे को बचपन में खाना खाना, कपड़े पहनना, ब्रश करना समेत बाकी सभी चीजों की अहमियत सिखाते हैं, उसी तरह उन्हें 'गुड टच' और 'बैड टच' के बारे में बताना भी आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि देश में बेटियों के साथ बढ़ रहे छेड़खानी के मामलों से उनको बचाने के लिए यह बेहद जरूरी कदम है। हालांकि सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है और उन्होंने सरकार द्वारा इस प्रयास की प्रशंसा भी की।