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विश्व स्तर पर हमारे पास भी पेले जैसे खिलाड़ी हैं : किरेन रिजिजू

हमें फॉलो करें विश्व स्तर पर हमारे पास भी पेले जैसे खिलाड़ी हैं : किरेन रिजिजू
, बुधवार, 28 अक्टूबर 2020 (17:16 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा है कि विश्व स्तर पर भारत के पास भी पेले जैसे खिलाड़ी हैं और देश में महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (MC Mary Kom) का उदाहरण है, जिन्होंने 8 विश्व चैंपियनशिप पदक जीते हैं।
 
रिजिजू राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुर और भारतीय खेल प्राधिकरण के लक्ष्मीबाई राष्‍ट्रीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय (एलएनसीपीई), त्रिवेंद्रम द्वारा 'शारीरिक शिक्षा एवं खेल: समुदायों को एकजुट करने की ताकत' विषय पर संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी मिश्रा (सेवानिवृत्त आईएएस) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एफआईईपी), स्‍लोवाकिया के उपाध्यक्ष प्रोफेसर ब्रानिस्‍लाव एंटाला भी इस वेबिनार में शामिल हुए।
 
करीब एक घंटे तक चले इस वेबिनार में वक्ताओं ने समाज में शारीरिक शिक्षा के महत्व के बारे में बात की। उन्‍होंने यह भी बताया कि किस प्रकार खेल न केवल देश के भीतर बल्कि विश्व स्तर पर समुदायों को एकजुट करने में मदद करता है।

रिजिजू ने कहा, इस वेबिनार का विषय केवल शारीरिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण पैमाना है। खेल की सफलता से क्षेत्र समृद्ध होता है और पूरे समुदाय को काफी कुछ हासिल होता है। भारत में एमसी मैरीकॉम का उदाहरण है जो महिलाओं के लिए ऐसी प्रेरणा हैं। 
 
उन्होंने कहा कि मैरीकॉम ने 8 विश्व चैंपियनशिप पदक जीते और मां बनने के बाद से चार बार। वह महिलाओं के एक बड़ी प्रेरणा हैं कि आप मातृत्व के बाद भी सफल हो सकती हैं। विश्व स्तर पर भी हमारे पास पेले जैसे खिलाड़ी हैं जिनकी सफलता ब्राजील से आगे निकल गया और पूरी दुनिया को प्रेरित किया। जैसी ओवेंस पूरे समुदाय को सशक्त बनाने का एक बड़ा प्रतीक है। खेल की उपलब्धियां खेल के इतर कई चीजें दर्शाती हैं।
 
रिजिजू ने जन भागीदारी के महत्व और भारत को एक स्पोर्टिंग पावरहाउस बनने में फिट इंडिया एवं खेलो इंडिया की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्‍होंने कहा कि खेल और शारीरिक शिक्षा एक ही बात है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आंदोलन को गति दी है जहां एक तरफ खेलो इंडिया है तो दूसरी तरफ फिट इंडिया। फिट इंडिया के माध्यम से हम जागरूकता पैदा करना चाहते हैं कि सभी को फिट रहना चाहिए। फिट इंडिया भारत को एक स्पोर्टिंग पावरहाउस बना सकता है।
 
उन्होंने कहा, हमें सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। जब हम अपने उद्देश्यों में एकजुट हो जाएंगे तो भारत को शीर्ष पर पहुंचने से कोई भी नहीं रोक सकता। वैश्विक आबादी के मुकाबले भारत की जनसंख्या को देखने से साफ पता चलता है कि भारत के फिट होने का मतलब दुनिया का फिट होना है। खेलो इंडिया के साथ देश के हर नुक्कड़ के लोग खेल सकते हैं।
 
आरसी मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने के मद्देनजर इस वेबिनार का विषय प्रासंगिक है। शारीरिक शिक्षा और खेल को पाठ्यक्रम के एक प्रमुख भाग के रूप में शामिल किया गया है जहां इसे नियमित शिक्षा के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि खेल समुदायों के सतत विकास के साथ-साथ लोगों को बीमारियों के जोखिम से बचने के लिए तंदुरुस्‍त और स्वस्थ बनने में मदद करेंगे। खेल एक स्थाई विकास संकेतक है और वह शांति एवं सहिष्णुता को बढ़ावा देता है। खेल एक टीम वर्क, फिटनेस और अनुशासन को भी बढ़ावा देता है। विश्व के नेता शांति एवं एकता को बढ़ावा देने के लिए खेल का उपयोग करते हैं।
 
प्रोफेसर ब्रानिस्लाव एंटाला ने कहा, भारत सरकार ने कई अच्‍छी पहल की है जैसे जून से एसएआई एलएनसीपीई द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षा। इस पहल का दुनिया भर के 60 शिक्षाविदों ने समर्थन किया है। मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय भारत से काफी लोगों को प्रशिक्षित करेगा। (वार्ता)

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