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Flashback 2019 : कैसा रहा भारतीय खिलाड़ियों के लिए 2019 का साल

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, मंगलवार, 31 दिसंबर 2019 (19:33 IST)
- अभिजीत देशमुख
 
ओलम्पिक के पहले का साल थोड़ा अलग और अत्यंत कठिन तो होता ही है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भी है। भारतीय एथलीटों के लिए 2019 जिसमें राष्ट्रमंडल या एशियाई खेल नहीं थे, इसलिए विश्व चैंपियनशिप और ओलम्पिक क्वालीफायर उनके लिए प्रेरणा कारक रहे हैं।

यह निर्णायक वर्ष केवल तैयारी के बारे में नहीं है, बल्कि प्रक्रिया की दौड़ में आगे रहकर ओलम्पिक में पात्रता हासिल करने का स्वर्णिम अवसर होता है। विश्व चैंपियनशिप में कोई भी पदक जीतना, अपार आत्मविश्वास प्रदान करता है और ओलम्पिक के लिए सही रास्ते पर है यह दर्शाता है। आइए नजर डालते हैं इस साल भारतीय एथलीटों के कुछ सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शनों पर...
2019 Year
बैडमिंटन : भारत का वर्ष का सबसे बड़ा खेल क्षण पीवी सिंधू से आया, जो स्विट्जरलैंड के बेसेल में विश्व विजेता बनी। सिंधू ने महिला एकल फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से मात दी और विश्व चैंपियनशिप खिताब पहली बार आपने नाम किया। इस प्रकार वह बैडमिंटन की विश्व चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय भी बन गईं। 
 
यह सिंधू द्वारा किया गया एक जिद्दी प्रदर्शन था, जो 2017 और 2018 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक के साथ पिछले दो अवसरों पर विफल रहा था। विश्व चैम्पियनशिप में 24 वर्षीय सिंधू के लिए यह पांचवां पदक था, जिसमें उन्होंने 2013 और 2014 में कांस्य पदक भी जीता था। पुरुष एकल में बी साई प्रणीत ने 36 साल के बाद विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी भी बने।
2019 Year
कुश्ती : कजाकिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय पहलवानों ने उम्दा प्रदर्शन दिखाया। महिला फ्रीस्टाइल में विनेश फोगाट (53 किग्रा) जबकि बजरंग पूनिया (65 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), रवि कुमार दहिया (57 किग्रा) और राहुल अवारे (61 किग्रा) ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल में पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया। 
 
विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए दीपक पूनिया ने रजत जीता हासिल किया जबकि बाकी सभी ने कांस्य पदक जीता गैर-ओलम्पिक श्रेणी में पदक जीतने वाले राहुल अवारे टोक्यो ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालाँकि कुछ पहलवान अभी भी ओलम्पिक के लिए कोटा हासिल करने के लिए कतार में हैं लेकिन पदक की उम्मीद केवल विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले 4 पदक विजेता से होगी।
2019 Year
निशानेबाजी : भारतीय निशानेबाजों ने इस साल 21 स्वर्ण, 6 रजत और 3 कांस्य पदक जीतते हुए ISSF विश्व कप में पदक तालिका में भारत को पदक तालिका मे शीर्ष पर रखा। सौरभ चौधरी, मनु भाकर, अभिषेक वर्मा, राही सरनोबत, अपूर्वी चंदेला कुछ ऐसे नाम रहे, जिन्होंने पूरे साल शानदार प्रदर्शन किया।

15 भारतीय निशानेबाजों ने 2020 टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर नया इतिहास रच दिया है, यह ओलम्पिक में अब तक का सबसे अधिक शूटिंग दल रहेगा। आईएसएसएफ विश्व कप में वर्चस्व ने ओलम्पिक में पदक की उम्मीदें बढ़ा दी हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि रियो ओलम्पिक्स से खाली हाथ लौटने के बाद भारतीय निशानेबाज टोक्यो में कैसा प्रदर्शन करते हैं।
2019 Year
मुक्केबाजी : अमित पंघल ने रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत कर इतिहास रच दिया। विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले वे पहले पुरुष मुक्केबाज बने। 2018 के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित ने उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन ज़ोइरोव के खिलाफ फ्लाईवेट वर्ग में एक कठिन मुकाबला हार गए।

भारत के ही मनीष कौशिक ने लाइटवेट वर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए दूसरा पदक हासिल किया। महिलाओं में मंजू रानी ने लाइट फ्लाईवेट वर्ग में रजत पदक, जबकि मेरीकॉम (फ्लाईवेट), जमुना बोरो (बैंटम वेट), लोवलिना बोर्गोहिन (वेल्टरवेट) ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया।
2019 Year
एथलेटिक्स : दोहा, कतर में आयोजित आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय खिलाड़ियों ने कोई पदक नहीं जीता लेकिन दो ओलम्पिक कोटा जरूर हासिल किया। मोहम्मद अनस, वी के विस्माया, जिस्ना मैथ्यू, नोआ निर्मल टॉम की भारतीय मिश्रित रिले टीम 4x400 मीटर दौड़ के फाइनल में पहुंच गई और ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर गई। 
 
फाइनल में वे सातवें स्थान पर रहे और पदक नहीं जीत पाए, लेकिन फाइनल में पहुंचना काफी बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। एक अन्य भारतीय अविनाश साबले ने स्टीपलचेज के फाइनल में प्रवेश करके टोक्यो ओलम्पिक के लिए ओलिंपिक कोटा हासिल किया। 
2019 Year
हॉकी : भारतीय पुरुष और महिला टीम दोनों ने हॉकी के ओलम्पिक्स क्वालीफ़ायर में जीत हासिल करके के टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफाई किया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2 मैच की श्रृंखला में रूस को 11-3 की करारी शिकस्त दी लेकिन भारतीय महिलाओं को संयुक्त राज्य अमेरिका से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
 
संयुक्त राज्य अमेरिका की टीम 2016 के रिओ ओलम्पिक्स के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था और अंत तक हार नहीं मानी। आखिरकार दो मैच की श्रृंखला भारतीय महिलाओं ने जीतकर दूसरी बार ओलम्पिक में प्रवेश किया। भारतीय पुरुष और महिला टीम दोनों ही रियो ओलम्पिक में कुछ प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर 1980 के मास्को ओलम्पिक में आखिरी स्वर्ण पदक के बाद क्या टोक्यो ओलम्पिक्स में तिरंगा लहराएगा?

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