नई दिल्ली। पहले मैच में अपने जज्बे और जिजीविषा का अच्छा नमूना पेश करने के बावजूद हार का सामना करने वाली भारतीय टीम को फीफा अंडर-17 विश्व कप में सोमवार को यहां एक अन्य दमदार प्रतिद्वंद्वी कोलंबिया के खिलाफ कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।
किसी भी तरह के फुटबॉल विश्व कप में पहली बार खेल रहे भारत को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए मैच में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल की कड़ी सचाई का पता चला। अमेरिका ने इस मैच में भारत को 3-0 से हराया। भारत ने जज्बा तो दिखाया लेकिन कौशल के मामले में अमेरिका उससे मीलों आगे रहा। मेजबान देश को सोमवार को फिर से इसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
मध्यपंक्ति के मुख्य खिलाड़ी सुरेश सिंह का मानना है कि भारत को अपने अंतिम क्षणों के पास में सुधार करना होगा लेकिन हर विभाग में मजबूत कोलंबिया के सामने एक विभाग में सुधार से ही काम नहीं चलने वाला है।
मेजबान टीम विश्व कप में भाग ले रही एक अन्य टीम नाइजर से प्रेरणा लेनी चाहेगी जिसने उत्तर कोरिया को हराकर अपने अभियान का शानदार आगाज किया। अगर अफ्रीकी देश ऐसा कर सकता है तो भारत क्यों नहीं? हालांकि ऐसा करने की तुलना में कहना आसान है। भारत ने कोशिश की लेकिन वह दुनिया को नहीं दिखा पाया कि उसका स्तर इस टूर्नामेंट के लायक है जिसने दुनिया को कई स्टार खिलाड़ी दिए हैं।
कोच लुई नोर्टन डि माटोस पहले मैच के परिणाम से खुश नहीं थे और उन्हें उम्मीद होगी कि उनकी टीम दक्षिण अमेरिकी टीम के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करेगी। माटोस ने कहा कि कोलंबिया मजबूत प्रतिद्वंद्वी है। हमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतनी होगी। वे हमें शारीरिक तौर पर भी कड़ी चुनौती देंगे लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं। हम जीत के लिए खेलेंगे। अमेरिका के खिलाफ कुछ अवसरों पर भारत ने अच्छे खेल की झलक दिखाई लेकिन माटोस सोमवार को इससे भी बेहतर प्रदर्शन चाहते हैं।
भारत ने मौके बनाए और अपने कौशल से भी उसने कुछ प्रभाव छोड़ा। एक अवसर पर टीम गोल करने के करीब भी पहुंची। लेकिन यह साफ नजर आ रहा था कि अमेरिका दोनों टीमों में बेहतर था। स्ट्राइकर कोमल थटाल ने अपनी तेज दौड़ और ड्रिबलिंग के कौशल से सभी का ध्यान खींचा है। बाईचुंग भूटिया के राज्य सिक्किम के रहने वाले थटाल ने कुछ अच्छे मूव बनाए लेकिन दूसरे हॉफ में एक बार उन्होंने गोल करने का अच्छा मौका भी गंवाया।
अग्रिम पंक्ति में उनके साथ अनिकेत यादव ने भी अपने खेल से प्रभावित किया। रक्षापंक्ति में अनवर अली और जितेंद्र सिंह ने अपनी तरफ से अच्छी कोशिश की लेकिन शारीरिक और तकनीक दोनों के मामले में भारत पिछड़ गया। यह अलग बात है कि गोलकीपर एम. धीरज सिंह ने कुछ शानदार बचाव करके भारत को बड़े अंतर से नहीं हारने दिया।
अब सोमवार को एक अलग दिन होगा और प्रतिद्वंद्वी भी नया होगा लेकिन कोलंबिया की टीम भी आक्रामक रुख अपनाएगी और भारत को इसके लिए तैयार रहना होगा। मैदान से बाहर माटोस को उम्मीद रहेगी कि उनकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में दर्शक यहां मौजूद रहेंगे।
कोलंबिया की पहले मैच में शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और उसे घाना से हार का सामना करना पड़ा था। वह अब खाता खोलने के लिए बेताब होगा। वह बड़े अंतर से जीत दर्ज करने की कोशिश करेगा ताकि अपने गोल अंतर में सुधार कर सके। कोलंबिया अब तक 5 बार इस टूर्नामेंट में भाग ले चुका है और 2 अवसरों पर तीसरे स्थान पर रहा है। उसकी टीम यहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने के लिए काफी पहले यहां पहुंच चुकी थी। यह अलग बात है कि उसकी शुरुआत अनुकूल नहीं रही।
मैच रात 8 बजे से शुरू होगा। (भाषा)