नूर सुल्तान। सीनियर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के 86 किग्रा फ्रीस्टाइल ओलंपिक वजन वर्ग के फाइनल से जूनियर विश्व चैंपियन पहलवान दीपक पुनिया को रविवार को टखने की चोट के कारण हट जाना पड़ा और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
इसके साथ ही दीपक का विश्व प्रतियोगिता के इतिहास में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाने का सपना टूट गया। उन्होंने अपनी स्पर्धा में भारत को टोकियो ओलंपिक 2020 का कोटा दिला दिया था और उन्हें फाइनल में ईरान के हसन आलियाजाम याजदानीचराती से भिड़ना था लेकिन उन्होंने फाइनल से कुछ घंटे पहले चोट के कारण मुकाबले से हटने का फैसला किया।
दीपक इस तरह स्वर्ण से वंचित रह गए और 2010 में लीजेंड पहलवान सुशील कुमार की स्वर्णिम सफलता का इतिहास नहीं दोहरा सके। जूनियर विश्व चैंपियनशिप में देश को 18 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने वाले दीपक सीनियर चैंपियनशिप में भारत को 9 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने के करीब पहुंचकर भी दूर रह गए। विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक सुशील ने 2010 में जीता था।
द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबली सतपाल के शिष्य दीपक ने सेमीफाइनल में स्विट्जरलैंड के स्टीफन रेचमुथ को एकतरफा अंदाज़ में 8-2 से पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया था और अपना नाम भारतीय कुश्ती के इतिहास में दर्ज करा लिया था। विश्व के नंबर 1 पहलवान बजरंग पुनिया ने पिछले साल रजत पदक जीता था।