नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक मानते हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण उनकी योजनाओं पर पानी फिर गया है लेकिन वह इस बात से संतुष्ट हैं कि खिलाड़ी शिद्दत से अपनी ट्रेनिंग में जुटे हैं।कोविड-19 महामारी के चलते वैश्विक खेल कैलेंडर काफी प्रभावित हुआ है और भारतीय फुटबॉल भी इससे अछूती नहीं रही। टीम का मौजूदा एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ फीफा विश्व कप कतर 2022 क्वालीफायर पहले ही स्थगित हो चुका है और टीम के मैत्री मैचों पर भी पानी फिर गया है।
स्टिमक ने अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल ‘वियोन’ से कहा, ‘इस महामारी ने हमारी योजनाओं पर पानी फेर दिया। हमें सत्र पूर्व ट्रेनिंग शिविर के लिए अप्रैल और मई में तुर्की जाना था और हमें 10 मैत्री मैच खेलने थे। लेकिन अब हम इस समय का इस्तेमाल खिलाड़ियों के ज्ञान को सुधारने में कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत ट्रेनिंग कार्यक्रम का पालन कर रहे हैं और टीम ग्रुप में रोज बातचीत कर रहे हैं।’
कोविड-19 के कारण दुनिया भर में फुटबॉल खेलने के नियमों में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं और स्टिमक को लगता है कि भारतीय फुटबॉल को घरेलू ढांचा सुधारने का यह अच्छा मौका हो सकता है क्योंकि इससे विदेशी खिलाड़ियों पर निर्भरता थोड़ी कम हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘इस महामारी से वैश्विक रूप से कुछ नियम और कानून बदल सकते हैं जिससे घरेलू खिलाड़ियों पर निर्भरता बढ़ जाएगी। यह भारत के लिए भारतीय फुटबॉल का ढांचा अचानक से बदलने का बढ़िया मौका है। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के आधे क्लब वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और सभी वित्तीय रूप से सभी क्लब बराबरी पर नहीं हैं तो टूर्नामेंट का कोई मतलब नहीं है। टूर्नामेंट तभी अच्छा होता है जब हर कोई एक ही जितनी राशि और समान दिशानिर्देशों से शुरुआत करे।’
स्टिमक को टीम से जुड़े एक साल हो चुका है लेकिन उन्होंने फिर से घरेलू स्तर पर विदेशी खिलाड़ियों की संख्या घटाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं बार बार यह कहकर थक गया हूं कि हमें भारतीय घरेलू फुटबॉल में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या को कम करना चाहिए। फुटबॉल देश बनने में समय लगेगा। खिलाड़ियों के लिए सत्र लंबा होना चाहिए।’ (भाषा)