गोल्ड कोस्ट। मनिका बत्रा ने एकल मुकाबलों में अपनी शानदार जीत के साथ भारत को यहां राष्ट्रमंडल खेलों में महिला टेबल टेनिस टीम स्पर्धा का स्वर्ण दिला दिया। भारत ने फाइनल में चार बार के स्वर्ण पदक विजेता सिंगापुर को 3-1 से हराकर ऐतहासिक स्वर्ण पदक जीता।
दुनिया की 58वें नंबर की खिलाड़ी मनिका ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी एवं कई ओलंपिक पदक जीत चुकी फेंग तियानवेई को 3-2 से हराया और अपने दूसरे एकल में 100वीं रैंक की यिहान झोऊ को 3-0 से शिकस्त देकर भारत को ताकतवर सिंगापुर की टीम पर सनसनीखेज जीत दिलाई। यह बहुत बड़ा उलटफेर था क्योंकि इस फाइनल से पहले सिंगापुर की महिला टीम 2002 में राष्ट्रमंडल खेलों में टेबल टेनिस को शामिल किए जाने के बाद से कभी भी खिताबी मुकाबले में नहीं हारी थी।
मनिका ने फेंग को चौंकाने वाली हार देने के बाद कहा कि मैंने कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं एक ओलंपिक पदकधारी एवं विश्व की चौथे नंबर की खिलाड़ी को हराऊंगी। उन्होंने कहा कि मैं पहली बार फेंग के खिलाफ खेल रही थी, मुझे जैसे ही पता चला कि मैंने दुनिया की चौथी नंबर की खिलाड़ी को हराया है, मुझे लगा कि मैं सातवें आसमान पर पहुंच गई हूं।
यह जीत इस लिहाज से और महत्व रखती है कि पिछले राष्ट्रमंडल खेलों (ग्लास्गो) से महिला टीम खाली हाथ लौटी थी। टेबल टेनिस टीम स्पर्धा में देश का यह केवल दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले 2006 के मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष टीम ने स्वर्ण जीता था। इससे पहले भारतीय टीम ने 21वें आज यहां एकतरफा मुकाबले में इंग्लैंड को हराकर दूसरी बार फाइनल में जगह पक्की की, जहां मनिका भारत की ऐतिहासिक जीत की सूत्रधार रहीं, मधुरिका पाटकर एवं मौमा दास की अनुभवी जोड़ी ने झोऊ एवं मेंग्यू यू को महत्वपूर्ण युगल मुकाबले में 11-7, 11-6, 8-11, 11-7 से हराकर फाइनल में देश को 2-1 से बढ़त दिला दी।
मनिका के शुरुआती एकल मुकाबले में फेंग को 3-2 (11-8, 8-11, 7-11, 11-9, 11-7) से हराने के बाद मेंग्यू ने मधुरिका को सीधे गेम में हराकर सिंगापुर के लिए मामला बराबरी पर ला दिया था, लेकिन मनिका ने यिहान पर शुरू से दबदबा कायम रखते हुए उन्हें सीधे गेम में हराया। उनके सिंगापुर की खिलाड़ी को 3-0 (11-7 11-4 11-7) से हराने के साथ ही भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। (भाषा)