यह खबर बताती है कि क्रिकेटर्स के अलावा भी देश दूसरे खिलाड़ियों को मान सम्मान के साथ दे रहा है। नोएडा के डीएम को टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास एलवाई ने अपना बैडमिंटन रैकेट भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बतौर उपहार दिया था। इस बैडमिंटन रैकेट की बोली 10 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
आईपीएल नीलामी कई करोड़ों में होती है लेकिन 10 करोड़ मिलने वाले खिलाड़ी को बहुत अच्छी नजरों से देखा जाता है। इस बात से यह पता चलता है कि क्रिकेट के आलावा भी अब लोग दूसरे खेलों में रुचि लेने लग गए हैं।
आज से शुरू हुई नीलामी 7 अक्टूबर तक चलेगी। पहले ही दिन सुहास एलवाई के बैडमिंटन रैकेट की कीमत 10 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक ई नीलामी से प्राप्त रकम को मिशन को नमामि गंगे मिशन के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। इस इ नीलामी में 2700 उपकरणों की नीलामी होगी।
यथिराज टोक्यो ओलंपिक के अंतिम दिन पुरुष एकल एसएल4 वर्ग बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के लुकास माजूर से करीबी मुकाबले में हार गये थे। उन्हें दो बार के विश्व चैम्पियन माजूर से 62 मिनट तक चले फाइनल में 21-15 17-21 15-21 से हराया था। हालांकि इसके बावजूद वह रजत पदक लाने में सफल हुए।
सुहास ने कलेक्टर होते हुए भी खेल में बड़ी कामयाबी हासिल की। कर्नाटक के शिगोमा शहर में जन्मे सुहास देश के पहले आईएएस अफसर हैं जिन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया। प्राथमिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद सुहास ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया और बैंगलोर में एक आईटी कंपनी में नौकरी की। इस बीच उन्हीने यूपीएससी की परीक्षा पास की और साल 2007 में यूपी कैडर से आईएएस अधिकारी बने।
उनकी पहली पोस्टिंग आगरा में हुई थी जिसके बाद वह जौनपुर,सोनभद्र,आजमगढ़,हाथरस,महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बनें। सुहास की दिलचस्पी बचपन से ही खेल के प्रति रही है और वह ड्यूटी खत्म होने के बाद बैडमिंटन खेलते थे। अपनी लगन और मेहनत के बूते 38 साल के सुहास ने पहले राष्ट्रीय और बाद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पदार्पण किया। वह अब तक के करियर में छह स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम कर चुके हैं।