चंडीगढ़। पूर्व भारतीय टेबल टेनिस कोच भवानी मुखर्जी का पेट की बीमारी के कारण शुक्रवार को यहां उनके निवास पर निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। मुखर्जी के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा हैं।
टीटीएआई महासचिव एमपी सिंह ने बताया, ‘उन्हें पेट संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे और उनका उनके निवास पर निधन हो गया।’ वह टेबल टेनिस में द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले कोच थे। उन्होंने अजमेर में स्कूल और कालेज की शिक्षा ग्रहण की थी। कोचिंग में डिप्लोमा लेने के बाद 70 के दशक के मध्य में वह पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से जुड़े थे।
वह एनआईएस पटियाला में मुख्य कोच थे और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के बाद थोड़े समय के लिए राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच बने थे। मुखर्जी लंदन ओलंपिक के लिए भी खिलाड़ियों के साथ गए थे और 34 साल तक टेबल टेनिस के लिए काम करने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण से सेवानिवृत्त हुए थे।
उन्हें 2012 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिससे वह टेबल टेनिस में यह सम्मान पाने वाले पहले कोच बने थे। सिंह ने कहा, ‘भवानी दा के निधन के बारे में सुनकर मैं बहुत दुखी था। वह कई खिलाड़ियों के लिए पितातुल्य थे और उनकी काफी कमी महसूस होगी। मैं उनके परिवार के लिए हार्दिक संवेदना अर्पित करता हूं।’