नई दिल्ली। एआईएफएफ की 2 बार वर्ष की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर रह चुकीं मणिपुर की ओनम बेमबेम देवी ने अपनी टीम ईस्टर्न स्पोर्टिंग यूनियन को पहली भारतीय महिला फुटबॉल लीग का चैंपियन बनाने के बाद अब फुटबॉल छोड़ देने का फैसला किया है और वे कोच की नई भूमिका में नजर आएंगी।
बेमबेम देवी की अगुवाई में ईस्टर्न स्पोर्टिंग यूनियन ने मंगलवार को राइजिंग स्टूडेंट्स क्लब को 3-0 से हराकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की पहली महिला फुटबॉल लीग का खिताब जीता था। बेमबेम देवी ने 2016 के सैफ खेलों में भारत को चैंपियन बनाने के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया था और यह लीग खेलने के बाद उन्होंने फुटबॉल को छोड़ने का फैसला कर लिया।
मणिपुर की बेमबेम ने बुधवार को यहां टाटा ट्रस्ट्स द्वारा ईस्टर्न स्पोर्टिंग यूनियन के लिए आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कहा कि यह मेरी पहली और आखिरी लीग थी। मैं इसके बाद फुटबॉल छोड़ रही हूं। मैं अब कोचिंग की जिम्मेदारी संभालूंगी। मैंने कोच का बी लाइसेंसिंग कोर्स किया है और मेरा लक्ष्य भविष्य के लिए खिलाड़ियों को तैयार करना है।
बेमबेम ने कहा कि मैं मणिपुर पुलिस में हूं और वहां खिलाड़ियों की मदद करूंगी, साथ ही मैं इस क्लब को भी अपनी सेवाएं दूंगी। यदि एआईएफएफ किसी अंडर स्तर की टीम की कोई जिम्मेदारी मुझे सौंपता है तो मैं उसे निभाने के लिए हमेशा तैयार रहूंगी।
अपने 20 साल के ज्यादा के सफर को संतोषजनक बताते हुए बेमबेम ने कहा कि मैंने फुटबॉल की शुरुआत लड़कों के साथ खेलते हुए की थी। इम्फाल ने स्थानीय स्तर पर मैं लड़कों के साथ खेला करती थी जिससे मेरा खेल मजबूत हुआ। मैंने 1991 में राज्य की टीम का प्रतिनिधित्व किया और 1995 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार देश का प्रतिनिधित्व किया। (वार्ता)