बजरंग पूनिया और सरिता ने शनिवार को यहां एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में अपने वजन वर्गों में शानदार जीत दर्ज करते हुए स्वर्ण पदक दौर में प्रवेश किया।
बजरंग (पुरुष 65 किग्रा) और सरिता (महिला 58 किग्रा) ने देश के लिए कम से एक रजत पदक तो सुनिश्चित कर ही दिया। भारतीय महिला पहलवानों ने एशियाई चैम्पियनशिप के इस चरण में पांच पदकों से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है जिसमें अभी तक तीन रजत पदक शामिल हैं।
वर्ष 2003 के सत्र में भारत ने कुल पांच पदक जीते थे जिसमें दो रजत और तीन कांस्य पदक शामिल थे। महिला 58 किग्रा के फाइनल में पहुंचने से पहले सरिता ने दबदबे भरा प्रदर्शन किया और क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान की आसेम सेदामेतोवा को 10-0 से पराजित करने के बाद वियतनाम की थि हुओंग दाओ को 12-0 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया।
बजरंग ने अपने वजन वर्ग के सेमीफाइनल दौर में कुकगवांग किम पर 3-2 से मिली कड़ी जीत के बाद फाइनल में जगह सुनिश्चित की। बजरंग ने क्वार्टरफाइनल में एशियाई चैम्पियनशिप के पिछले चरण के स्वर्ण पदाधीकारी ईरान के मेसाम नासिरी को 7-5 से हराया था। इससे पहले क्वालीफिकेशन दौर में उन्होंने उज्बेकिस्तान के पहलवान सिरोजिद्दीन हसानोव पर 4-3 से जीत दर्ज की।
साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान पुरुष 97 किग्रा वर्ग में अपनी रेपेशाज बाउट में हारकर कांस्य पदक का प्लेऑफ गंवा बैठे। उन्हें करीबी मुकाबले में मंगोलिया के बातजुल उलजिसाईखान से 5-8 से पराजय मिली।
क्वालीफिकेशन दौर में सत्यव्रत को मागोमेद इब्रागिमोव से हार मिली थी और उज्बेकिस्तान के इस प्रतिद्वंद्वी ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में प्रवेश किया जिससे भारतीय पहलवान को रेपेशाज दौर में खेलने का मौका मिला था। इस बीच ओलंपियन संदीप तोमर को घुटने की चोट लग गयी और वह पुरुष 57 किग्रा में सुबह ही टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
तोमर को जब चोट लगी तब वह जीतने की ओर बढ़ रहे थे और उन्हें किर्गिस्तान के उलुकबेक झोलदोशबेकोव से 5-6 से हार का सामना करना पड़ा। पुरुषों के 74 किग्रा वर्ग में जितेंदर क्वार्टरफाइनल दौर में जापान के सुबाशा असाई से 7-8 से पराजित होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए। (भाषा)