सिडनी। दुनिया में लगभग हर देश में महिलाओं और पुरुषों के वेतन में अंतर पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने सदियों से चले आ रहे इस चलन को तोड़ते हुये अपनी राष्ट्रीय महिला फुटबॉलरों को पुरुषों के बराबर एकसमान वेतन देने का फैसला किया है।
फुटबॉल फेडरेशन ऑस्ट्रेलिया (एफएफए) और प्रोफेशनल फुटबॉलर एसोसिएशन (पीएफए) ने बुधवार को आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की, जिसके अनुसार उनकी राष्ट्रीय सीनियर महिला टीम द माटिलदास को राष्ट्रीय पुरुष फुटबॉलर टीम के खिलाड़ियों के समान वेतन भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा महिला टीम को 2019-20 में हुए राजस्व से राष्ट्रीय टीमों को दिए जाने वाला स्वीकृत 24 फीसदी बोनस भी दिया जाएगा। वहीं प्रायोजन से होने वाले राजस्व में जहां पहले पुरुषों को अधिक राजस्व मिलता था उसमें भी अब महिलाओं को समानता से भुगतान किया जाएगा।
महिला टीम की मिडफील्डर एलिस केलोंड नाइट ने कहा, यह नया करार कमाल का है। एक महिला फुटबॉलर होने के नाते यह ऐसा है जिसका हम हमेशा से सपना देखा करते थे। हम हमेशा से बराबरी का हक चाहते थे। हम पिच पर उस बराबरी के अहसास के साथ उतरना चाहते हैं जो पुरुषों को मिलती है।
महिलाओं को भुगतान के अलावा कई अन्य फायदे भी मिलने जा रहे हैं जिसमें उन्हें भी अब पुरुषों की तरह फर्स्ट क्लॉस में सफर करने का मौका मिलेगा। साथ ही विश्व कप की ईनामी राशि में भी खिलाड़ियों के लिए 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
एफएफए के अध्यक्ष क्रिस निकोऊ ने कहा, फुटबॉल सभी का खेल है। यह नया करार एक कदम है यह सुनिश्चित करने का कि हम बराबरी, समावेशी के अपने सिद्धांतों का पालन करते हैं। अब महिला और पुरुष फुटबॉलरों में कोई अंतर नहीं होगा और हमें गर्व है कि हमने ऑस्ट्रेलिया और दुनिया में एक नया उदाहरण पेश किया है।