कृपाशंकर बिश्नोई (अर्जुन अवॉर्डी)
नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के एशियन कुश्ती चैंपियनशिप से हटने के बाद उनके चिर प्रतिद्वंद्वी प्रवीण राणा को इसमें खेलने का मौका मिला है और उन्हें उम्मीद है कि वह इसमें अपने पदक का रंग बदले में जरूर सफल होंगे।
25 वर्षीय राणा पिछले दस दिनों से अपने खर्चे पर जॉर्जिया में यूरोपियन चैंपियन जॉर्जियन कोच साको के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रवीण ने बताया कि मुझे भारतीय कुश्ती संघ से पता चला है कि मैं एशियन चैंपियनशिप में खेलने जा रहा हूं। मैं बहुत खुश हूं।
प्रवीण ने कहा मैं संघ का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने सुशील के बाद मुझे भेजने के लिए चुना। संघ हमेशा युवा पहलवानों को उभारने का काम करता रहा है। मेरी नजर वहां स्वर्ण पदक जीतने पर रहेगी और कोशिश करूंगा कि अपने पदक का रंग बदलने में सफल रहूं।
किर्गिजस्तान के बिश्केक में 27 फरवरी से 4 मार्च तक चलने वाली 'एशियन चैंपियन चैंपियनशिप' में राणा चौथी बार खेलने जा रहे हैं और उन्हें लगता है कि उज्बेकिस्तान के अब्दुरखमनोव बेकजोद कड़े प्रतिद्वंद्वी साबित होंगे। राणा 2012 में कोरिया में हुई इस चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मैं अब चैंपियनशिप के लिए अच्छे से तैयारी करूंगा और यहीं जॉर्जिया से ही किर्गिजस्तान चैंपियनशिप में खेलने जाऊंगा। मुझे वहां उज्बेकिस्तान के पहलवानों से कड़ी टक्कर मिलेगी और प्रो कुश्ती लीग में खेले मैचों का अनुभव मुझे वहां काम आएगा। मैं इस पर भी काम रहा हूं कि बढ़त लेने के बाद मैं मैच का अंत अपनी जीत के साथ करूं।
प्रवीण ने कहा कि बेकजोद तीन साल से स्वर्ण पदक जीत रहा है। मेरा बेकजोद से मुकाबला 2015 में इस चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हुआ था तो मुझे उसके खिलाफ खेलने का अनुभव और उम्मीद है कि उसे हरा दूंगा।
जब राणा से पूछा गया कि क्या सुशील और उनके बीच चल रहे झगड़े के मामले को लेकर कोई समझौता हो गया है तो उन्होंने बताया कि समझौते का कोई सवाल नहीं है। मुझे वहां सुशील के हटने के बाद भेजा जा रहा है, ना कि उनसे कोई समझौता करके। वह अलग मामला है।