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U-20 चैंपियनशिप के बाद अब अमित ओलंपिक 2024 के लिए होंगे तैयार, TOPS में हो सकते हैं शामिल

हमें फॉलो करें U-20 चैंपियनशिप के बाद अब अमित ओलंपिक 2024 के लिए होंगे तैयार, TOPS में हो सकते हैं शामिल
, सोमवार, 23 अगस्त 2021 (11:35 IST)
नई दिल्ली: विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की 10 किलोमीटर पैदल चाल  में शनिवार को सिल्वर मेडल दिलाने वाले भारत के अमित खत्री सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (TOPS) में शामिल किए जा सकते हैं। अमित खत्री के कोच चंदन सिंह ने 2024 में होने वाले ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए अपने शिष्य को इस योजना में शामिल करने की मांग की है।
 
चंदन ने कहा कि हरियाणा के रोहतक जिले के खत्री में अगले कुछ वर्षों में शीर्ष श्रेणी के रेस वॉकर बनने की क्षमता है और इसका उद्देश्य 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करना है। चंदन पुणे में सेना खेल संस्थान में कार्यरत हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘अमित की चलने की तकनीक बहुत अच्छी है और वह जल्दी सीख जाते हैं। वह अगले कुछ वर्षों में देश में शीर्ष पैदल चाल खिलाड़ी बन सकते हैं लेकिन उन्हें आगे बढ़ने के लिए धनराशि की आवश्यकता होगी। इसलिए, मैं साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) से उन्हें टॉप्स योजना में शामिल करने का अनुरोध करता हूं।’
 
उन्होंने कहा, ‘लक्ष्य अमित को 2024 के ओलंपिक के लिए तैयार करना है लेकिन उनके पास कोई प्रायोजक नहीं है, उन्हें आर्थिक रूप से समर्थन देने वाला कोई नहीं है। उनके पिता बीएसएफ (गैर अधिकारी रैंक) में काम करते हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। ऐसे में अमित के लिए आर्थिक रूप से स्थितियां मुश्किल हैं।’
 
साई की पहल पर टॉप्स योजना 2014 में शुरू हुई थी, जहां सरकार शीर्ष एथलीटों (कोर ग्रुप) को उनके प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के लिए पैसे देती है। पिछले साल इसका विस्तार कर इसमें जूनियर खिलाड़ियों (विकासात्मक समूह) को शामिल किया गया था। इसमें जूनियर खिलाड़ियों को प्रतिमाह भत्ते (जेब खर्च) के रूप में 25,000 रुपये देने का प्रावधान है। चंदन ने कहा, ‘अमित का परिवार जो कुछ भी कर सकता है, वह कर रहा है लेकिन मुझे पता है कि यह उनके लिए मुश्किल है। जब भी वह उत्तराखंड में ट्रेनिंग करते हैं तो मैं उनके रहने और खाने का ध्यान रखता हूं।’
 
विश्व चैम्पियनशिप 2013 और 2015 में देश का पैदल चाल में प्रतिनिधित्व कर चुके चंदन ने कहा, ‘कभी-कभी हमें ऊटी (ज्यादा ऊंचाई पर अभ्यास के लिए) जाना पड़ता है और कभी-कभी साई बेंगलुरु में, इसलिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है। डाइट (पोषक खाना) भी बेहद जरूरी है।’
 
उन्होंने कहा, ‘जब मैं पहली बार अमित से एनआईएस पटियाला में मिला, तो वह बहुत दुबले-पतले थे लेकिन मैंने महसूस किया कि उन्हें पैदल चाल में शीर्ष खिलाड़ी के रूप में तैयार किया जा सकता है। अब वह शारीरिक और फिटनेस के लिहाज से बेहतर स्थिति में है।’ उन्होंने कहा कि खत्री अब 20 किलोमीटर पैदल चाल की तैयारी शुरु करेंगे। वह अगले साल सीनियर राष्ट्रीय पैदल चाल चैंपियनशिप में भाग लेने की कोशिश करेंगे जिसका आयोजन आमतौर पर फरवरी में होता है।
 
कोच ने कहा, ‘मुझे धीरे-धीरे उन्हें 20 किलोमीटर स्पर्धा के लिए तैयार करना है। ओलंपिक में 10 किलोमीटर स्पर्धा नहीं होती है। हम अगले कुछ महीनों में 20 किमी का प्रशिक्षण शुरू करेंगे। मुझे इसे धीरे-धीरे करना होगा। वह 2024 ओलंपिक में जगह बनाने के लिए राष्ट्रीय सीनियर पैदल चाल स्पर्धा में अगले साल भाग ले सकते हैं।’
17 साल के खत्री ने नैरोबी में आयोजित प्रतियोगिता में 42:17।94 मिनट का समय निकाला। वह केन्या के हेरिस्टोन वेनिओनी से पीछे रहे जिन्होंने 42:10।84 मिनट में स्वर्ण पदक जीता। स्पेन के पॉल मैकग्रा को कांस्य पदक मिला।(भाषा)

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