यूरो कप 2020 का फाइनल मैच टूर्नामेंट की दो बेहतरीन टीमों के बीच खेला जा रहा था। रेफरी ने सीटी बजाकर मैच की शुरुआत कराई। अभी दर्शक सीटों पर एडजस्ट ही हो रहे थे। खिलाड़ी वॉर्मअप हो रहे थे कि इंग्लैंड ने मैच के दूसरे मिनिट में ही दन्न से गोल दाग दिया। वेंबले स्टेडियम का शोर लंदन में दूर-दूर तक सुनाई देने लगा था। सब कुछ इतना अचानक और अनायास था कि इंग्लैंड टीम भी विश्वास नहीं कर पा रही थी कि उसने बढ़त ले ली है।
इटली तो सन्न ही रह गया। सारी रणनीति भूल गया। खिलाड़ियों के पैर उठना बंद हो गए। मनोबल जमीन पर आ गया। यही मौका था इंग्लैंड के पास अपनी बढ़त और बढ़ाने का। इटली बैकफुट पर था और इंग्लैंड को इसका फायदा उठाना था। पूरे 25 मिनट लगे इटालियन टीम को इस सदमे से उबरने में। उन्होंने अपने आपको समेटा। मानसिक स्थिति सुधारी। लड़ने का जज्बा पैदा किया और फिर गेंद पर काबू करने लगे। हाफ टाइम तक इंग्लैंड 1-0 से आगे था। कप्तान हैरी केन और कोच साउथगेट जानते थे कि इटली टीम दूसरे हाफ में तीखे हमले करेगी और इससे निपटने के लिए इंग्लैंड को एक गोल और करना पड़ेगा।
दूसरा हाफ शुरू होते ही इटली ने हमले बढ़ा दिए। गेंद ज्यादातर इंग्लैंड के हाफ में ही नजर आ रही थी। इंग्लैंड के डिफेंडर्स ने दीवार खड़ी कर रखी थी और इटली टीम इसे भेद नहीं पा रही थी। इसे देख इटली ने लगातार हमले करना जारी रखे और गेंद को अपने पास ही रखा। आखिरकार 67 वें मिनट में इटली को मौका मिल गया जब कॉर्नर के जरिये इंग्लिश गोलकीपर पिकफोर्ड को छकाते हुए Leonardo Bonucci ने बराबरी का गोल दाग दिया।
इंग्लैंड टीम ने इसके बाद हथियार डाल दिए। वे रक्षात्मक तरीके से खेलने लगे। उनसे हमले नहीं हो रहे थे। एक-दो मूव्स बने, लेकिन ये काफी नहीं थे। अतिरिक्त समय में दोनों टीमों का मुकाबला बराबरी का रहा। जब बात पेनल्टी शूटआउट पर जाती दिखी तो साउथगेट ने इंग्लैंड टीम ने ताबड़तोड़ परिवर्तन कर उन खिलाड़ियों को मैदान में उतारा जो पेनल्टी लेने में माहिर थे। दूसरी ओर इटली टीम इस बात पर आश्वस्त दिखी कि बात पेनल्टी शूटआउट तक पहुंची तो वे मुकाबला निकाल लेंगे।
पेनल्टी शूटआउट में भी इंग्लैंड ने शुरुआती बढ़त बना ली थी, लेकिन रेशफोर्ड, साका के इतने बड़े मुकाबले के दबाव में पांव कांप गए। वे गोल नहीं बना पाए। तारीफ तो इटली के गोलकीपर Gianluigi Donnarumma की भी बनती है। इतने बड़े मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट में भी वे बिलकुल भी दबाव में नहीं दिखे। ठंडे दिमाग से उन्होंने काम कर इटली को चैंपियन बना दिया। तभी तो वे यूरो 2020 के मोस्ट आउटस्टैंडिंग प्लेयर चुने गए। इंग्लैंड के लिए ये टूर्नामेंट It Is Not Coming Home रहा, इटली के लिए It is coming to Rome रहा।