सूर्य ग्रहण कई प्रकार के होते हैं, जैसे खग्रास, खंडग्रास, कंकणाकृति, वलयाकार और संकरित सूर्य ग्रहण। वर्तमान में 20 अप्रैल 2023 को जो सूर्य ग्रहण रहा है वह खग्रास सूर्य ग्रहण भी था। हालांकि इस सूर्य ग्रहण को मुख्यत: संकरित सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि उपरोक्त बताए गए प्रकारों का क्या अर्थ है?
खंडग्रास सूर्य ग्रहण | Partial solar eclipse full eclipse : आंशिक ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक सीधी लाइन में नहीं होते और चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ही ढक पाता है। यह स्थिति खण्ड-ग्रहण कहलाती है खंडग्रास का अर्थ अर्थात वह अवस्था जब ग्रहण सूर्य या चंद्रमा के कुछ अंश पर ही लगता है। अर्थात चंद्रमा सूर्य के सिर्फ कुछ हिस्से को ही ढकता है।
कंकणाकृति सूर्य ग्रहण | kankanakruti surya grahan : कंकणाकृति में ग्रहण के दौरान कंकण के आकार के छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं। इसे कंगन के समान भी बताया जाता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण | Annular solar eclips : सूर्य ग्रहण में जब चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होता है और इस दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। ऐसे में सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई देता है। कंगन आकार में बने सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।
संकरित सूर्य ग्रहण | hybrid solar eclipse : इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण भी कहते हैं। यह एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण माना जा रहा है। कुछ जगहों पर यह पूर्ण सूर्य ग्रहण, कुछ जगहों पर वलयाकार सूर्य ग्रहण और कुछ जगहों पर यह कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इसीलिए इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहा जा रहा है।
कब होगा सूर्य ग्रहण:-
दिनांक : 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा।
समय : यह सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 तक लगेगा।
अवधि : इस ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है।