तीर्थों पर न जा सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल, तीर्थो का जल मिलाकर स्नान करें।
ग्रहण के दौरान भगवान शिव, सूर्यदेव, गायत्री मंत्र, इष्ट देव, गुरुमंत्र के मंत्रों का जाप करें।
श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए।
क्या न करें-
सूर्य ग्रहण के दौरान सोना, यात्रा करना, पत्ते का छेदना, तिनका तोड़ना, लकड़ी काटना, फूल तोड़ना, बाल और नाखून काटना, कपड़े धोना और सिलना, दांत साफ करना, भोजन करना, शारीरिक संबंध बनाना, शौच करना, घुड़सवारी, हाथी की सवारी करना और गाय-भैंस का दूध निकालना।
सूतक काल के दौरान भोजन न पकाए और न ही खाना खाएं।
सूतक काल में भगवान की प्रतिमाओं को स्पर्श ना करें और ना ही पूजन करें तथा तुलसी के पौधे को हाथ ना लगाएं।
सूतक काल में विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा ध्यान रखना होता है।
सूर्य ग्रहण के सूतक काल के दौरान गर्भवती महिला चाकू एवं छुरी का प्रयोग ना करें।