शनिश्चरी अमावस्या के सरल 11 उपाय, सूर्य ग्रहण का भी फायदा उठाएं

Webdunia
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022 (17:27 IST)
shani amavasya 2022
Shani amavasya 2022 : 30 अप्रैल 2022 शनिवार को वैशाख माह की अमावस्या है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी है। साथ ही ग्रह नक्षत्रों का अद्भुत योग भी बन रहा है। ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या के सरल उपाय करके आप सूर्यग्रहण का भी फायदा उठा सकते हैं।
 
 
शनैश्चरी अमावस्या के उपाय (Shanishchari Amavasya 2022 ke upay):
 
1. पौधा रोपण करें : इस शुभ योग में पेड़-पौधे लगाना शुभ होता है।
 
2. पीपल की पूजा और परिक्रमा करें : इस शुभ योग में पीपल की पूजा करें, परिक्रमा करें, दीपक जलाएं और पीपल में जल चढ़ाने पितृदेव प्रसन्न होते हैं।
 
3. शनि दोष से मुक्ति : इस दिन शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, शनिदोष या शनि की महादशा से मुक्ति होने के लिए शनि मंदिर में शनि से संबंधित वस्तुएं दान करें।
 
4. ग्रह दोषों से मुक्ति : इस दिन लोटे में पानी, कच्चा दूध और थोड़े से काले तिल मिलाकर पीपल में चढ़ाएं। इससे सभी तरह के ग्रह दोष खत्म होंगे। 
 
5. ध्वज : इस दिन शनि मंदिर या अपने घर की छत पर ध्वज यानी झंडा लगाना चाहिए। इससे केतु से जुड़े दोष खत्म होते हैं।
 
6. तर्पण करें : इसी दिन दान-पुण्य के साथ ही श्राद्ध-तर्पण पिंडदान करना चाहिए। इसे सभी तरह के पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
 
7. शिव उपासना : इस दिन भगवान शिव और अग्निदेव को उड़द दाल, दही और पूरी के रूप में नैवेद्यम अर्पण करें। इस दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग का गाय का दूध, दही और शहद से अभिषेक करें। साथ ही काला तिल भी चढ़ाएं।
 
8. शनि पूजा : दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। अत: इस दिन शनिदेव के पूजन का विशेष महत्व है। शनिदेव की आरती, चालीसा, स्तोत्र आदि का ज्यादा से ज्यादा पाठ करना चाहिए। इस दिन शनिदेव के साथ हनुमान जी का पूजन करना भी फलदायी रहता है। 
 
9. दान : इस दिन निम्न चीजों का दान करना चाहिए- मटकी, खरबूजा, कलश, जल, चादर, तिल, वस्त्र, शर्बत, छाता, साबूदाना, खिचड़ी, उड़द दाल, फल, तेल, चने की दाल, रुई, साबुन, कंघी, चांदी के बर्तन, मिठाई, धार्मिक पुस्तकें आदि।
 
10. स्नान : वैशाख अमावस्या पर नदी, जलाशय या पवित्र तट या कुंड आदि में स्नान करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें तथा बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 
 
11. वैशाख अमावस्या के मंगलकारी मंत्र-mantra 
 
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:'
- 'ॐ विष्णवे नम:', 
- 'ॐ पितृ देवाय नम:' 
- ॐ पितृ दैवतायै नम:
- 'ॐ पितृभ्य: नम:'
- ॐ रं रवये नमः 
- ॐ घृणी सूर्याय नमः 
- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:'
-'ॐ शं शनिश्चराय नम:'
इसके अलावा गायत्री मंत्र का जाप करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Shardiya navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में गरबा उत्सव के दौरान क्या करें और क्या नहीं

Surya kanya Gochar : सूर्य का कन्या राशि में गोचर से 4 राशियों के चमक जाएंगे भाग्य, होगा अचानक से धनलाभ

16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का दूसरा दिन : श्राद्ध पक्ष में प्रतिपदा के श्राद्ध का महत्व, जानिए किसका करते हैं श्राद्ध

16 shradh paksha 2024: अकाल मृत्यु जो मर गए हैं उनका श्राद्ध कब और कैसे करें?

Shardiya navratri 2024 ashtami date: शारदीय नवरात्रि की अष्टमी कब है, जानें शुभ मुहूर्त

सभी देखें

नवीनतम

कन्या राशि में बुध बनाएंगे भद्र महापुरुष राजयोग, 4 राशियों का होगा भाग्योदय

कैसा हो श्राद्ध का भोजन, जानें किन चीजों को न करें ब्राह्मण भोज में शामिल

Vastu Tips: घर में किचन किस दिशा में होना चाहिए और किस दिशा में नहीं होना चाहिए?

Sarvapitri amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या की 10 अनसुनी बातों को जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे

Ketu Gochar : पापी ग्रह केतु के नक्षत्र में होगा गुरु का प्रवेश, 3 राशियों की चमकने वाली है किस्‍मत

अगला लेख
More