उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में शुक्रवार से शुरू होने वाले सिंहस्थ के दौरान देश के सुदूर प्रांतों के कभी सामने नहीं आने वाले आदिवासियों की भी झलक दिखाई देगी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का आनुषांगिक संगठन 'वनवासी कल्याण परिषद्' सिंहस्थ के दौरान देश के सुदूर प्रांतों के आदिवासियों को यहां एकत्रित करने वाला है। कार्यक्रम के तहत देश की 600 जनजातियों के लोग यहां भागीदारी देंगे।
परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री प्रवीण डोल्के ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान 13 मई को होने वाले 'शबरी स्नान' और अन्य आयोजनों के लिए देश के सभी वनवासी क्षेत्रों के लोगों को बुलाया गया है।
इसके तहत अंडमान-निकोबार, असम, नगालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश समेत कई अन्य प्रांतों से आदिवासी और वनवासी यहां जुटेंगे।
डोल्के के मुताबिक, पंडाल में देशभर के आदिवासियों के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगेगी, जिसमें आदिवासियों की सांस्कृतिक परंपराओं, उनकी रस्मों और देवी-देवताओं से जुड़ी मान्यताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। (वार्ता)