उज्जैन। परी अखाड़े को सभी मान्यताएं व सुविधाएं नही देने से रूष्ट अखाड़े की प्रमुख साध्वी के भूमि समाधि लेने के पहले ही प्रशासन व पुलिस के अधिकारी वहां पहुंच गए और साध्वी से 24 घंटे की मोहलत सारी समस्याएं हल करने की मांगकर उन्हें समाधि लेने से पहले ही खोदे गए गढ्ढे से बाहर निकाल लाए।
परी अखाड़े की साध्वी त्रिकाल भंवता अपने अखाड़े को 14 अखाड़े का स्थान दिलाने को लेकर शासन व सभी अखाड़ो से लड़ रही हैं। पिछले दस दिनों से साध्वी अपनी मांगो को लेकर अनशन कर रही हैं और तबियत बिगड़ने पर उन्हें पिछले दिनों अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था
साध्वी की मांग है कि उनके परी अखाड़े को भी संतों के 14 अखाड़ों में शामिल किया जाए। साथ ही उनकी मांग है कि अन्य अखाड़ों की तरह उन्हें राज्य सरकार द्वारा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
सोमवार को साध्वी त्रिकाल भंवता बिना डिस्चार्ज हुए ही अपने कैम्प में पहुंच गई और शासन की गलत नीतियों से परेशान होकर मंगलवार को भूमि समाधि लेने की घोषणा की थी।
इसी घोषणा के चलते मंगलवार को उनके कैम्प में समाधि के लिए तैयारियां की गई थीं। इसकी भनक प्रशासन व पुलिस को भी लग गई थी, लिहाजा सभी सुबह कैम्प पर ही जमा हो गए थे। जैसे ही साध्वी के भूमि समाधि लेने की प्रक्रिया शुरू हुई प्रशासन व पुलिस के अधिकारी उन्हें मनाने पहुंच गए।
काफी देर तक मान मुनव्वल की प्रक्रिया चली बाद में पुलिस को थोड़ा हस्तक्षेप भी लोगों को हटाने के लिए करना पड़ा। अधिकारियों ने उनसे 24 घंटे में अखाड़े से जुड़ी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया, तब जाकर वह मानी और गढ्ढे से बाहर निकलीं।