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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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नागा बाबाओं के अजब-गजब रंग

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अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

सिंहस्थ में साधुओं का अजब-गजब रूप और रंग हैं, लेकिन उनमें भी नागा साधुओं की बात ही अलग है। नागा साधुओं में भी वे नागा अनोखे हैं जो निर्वस्त्र रहते हैं। उनके निर्वस्त्र रहने का अनोखा अंदाज सभी के लिए आश्चर्य और कुतूहल का विषय है। नागा साधुओं के नए-नए करतब और क्रिया-कलाप देखकर दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे आप।
नागा साधु अपने पूरे शरीर पर भभूत मले, निर्वस्त्र रहते हैं। उनकी बड़ी-बड़ी जटाएं भी आकर्षण का केंद्र रहती है। हाथों में चिमटा, चिलम, कमंडल लिए और गांजा या चरस का कश लगते हुए इन साधुओं को देखना अजीब लगता है। ये मस्तक पर आड़ा भभूत लगा तीनधारी तिलक लगारक धुनी रमाकर रहते हैं।
 
तरह-तरह की चिलम रखना और पीना तो प्रचलन में है ही लेकिन चश्मा पहनना, माला धारण करना और भभूत धारण करने में भी स्टाइल होती है। कोई कमर में चश्मा लटकाता है तो किसी ने अपनी जटाजूट में चश्मा खोस रखा है। हद तो तब हो गई जब कुछ साधुओं ने अपने मेनपार्ट को भी अब सजाना शुरू कर दिया है। इस बारे में कुछ लिखना असंगत होगा। वैष्णव साधु जहां सफाचट है वहीं शैव साधु जाटाजूट है। जटाएं भी इतनी लंबी की आप नापते ही रह जाएं।
 
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इसके अलावा कोई नागा सालों से एक पैर पर खड़ा है तो किसी ने अपना एक हाथ बांधकर उपर कर रखा है। कोई पेड़ के नीचे धूनी रमाए बैठा है, कोई अपने साथ आए कुत्ते की सेवा में लगा है, तो कोई बाइक की सवारी कर रहा है। किसी ने हिरण को अपना शिष्य बना रखा है तो किसी का कोई शिष्य ही नहीं है।
 
नागा साधुओं की तो एक फौज है जिसमें हर नागा अलग रूप और रंग में नजर आ रहा है। कोई करतब दिखाकर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा है तो कोई साधु तपस्वी है। कोई भूमि के अंदर गड़ा हुआ है तो किसी ने सिर पर आग रख ली है। हमने ऐसे ही कुछ साधुओं से बात की। किसी ने हमें दुत्कार कर भगा दिया तो किसी ने प्यार से बिठाकर हमें अपना राज बताया।
 
झूले वाले बाबा : ऐसे ही एक नागा साधु हमें मिले जो बचपन से ही झूला झूल रहे हैं। उनका कहना है कि जिंदगी एक झूला है। जिंदगी का मजा लो और झूलते रहो। उनसे जब हमने पूछा कि आप कब से इस तरह से झूल रहे हैं तो उनका कहना था बचपन से ही झूल रहा हूं। यही हमारी तपस्या है। बस झूला झूलते रहना।
 
ऐसे ही एक दूसरे साधु मिले जिन्होंने अपने लिंग के अग्र भाग में चांदी का कड़ा डाल रखा है और उस कड़े हो उन्होंने रस्सी से बांध रखा है। उनका कहना है कि ऐसा हमने इसलिए कर रखा है ताकि हमारी कामवासना हमेशा के लिए शांत हो जाए और हम साधनारत रहें। जब हमने इन बाबा से इनका नाम पूछा तो उन्होंने बताया बमचक नागा बाबा। इसके अलावा हम अन्य कई नागा बाबाओं से मिले जिन्हें देख और सुनकर अजीब-सा अहसास होता है। नागा बाबाओं से मिलते वक्त एक बात आपको ध्यान रखना जरूरी है कि उनसे आप विनम्रता से मिले अन्यथा उनके गुस्से का आपको सामना करना पड़ेगा।

कैमरामैन : धर्मेंद्र सांगले 

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