महाभारत के बाद यादवों की लड़ाई में बचा एक मात्र यदुवंशी व्रजनाभ, उसी ने रचा इतिहास

अनिरुद्ध जोशी
गांधारी के शाप के चलते भगवान श्री कृष्ण के कुल का नाश हो गया था। ऐसा भी कहा जाता है कि जब विश्‍वामित्र, असित, दुर्वासा, कश्‍यप, वशिष्‍ठ और नारद आदि बड़े-बड़े ऋषि द्वारका के पास पिंडारक क्षेत्र में निवास कर रहे थे तब श्रीकृष्ण और जाम्बवती के पुत्र साम्ब ने उनका अपमान किया था जिसके चलते उन्होंने भी कुल का नाश का श्राप दे दिया था। बाद में यादवों के बीच मौसल युद्ध हुआ जिसके चलते सभी का नाश हो गया।
 
 
इस युद्ध में श्रीकृष्‍ण के देखते-देखते साम्‍ब, चारुदेष्‍ण, प्रद्युम्‍न और अनिरुद्ध की मृत्‍यु हो गई। इस आपसी झगड़े को मौसुल युद्ध कहा जाता है। झगड़े की शुरुआत कृतवर्मा के अपमान से हुई। सात्‍यकि ने कृतवर्मा का वध कर दिया तो फिर आपसी युद्ध प्रारंभ हो गया और सभी काल कवलित हो गए। मात्र एक दो लोग ही बचे एक वसुदेव जो वहां नहीं थे और दूसरा श्रीकृष्ण का प्रपौत्र वज्रनाभ। 
 
व्रजनाभ : कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को बहुत सी जगह पर वज्रनाभ भी लिखा गया है। वज्रनाभ द्वारिका के यदुवंश के अंतिम शासक थे, जो यदुओं की आपसी लड़ाई में जीवित बच गए थे। द्वारिका के समुद्र में डूबने पर अर्जुन द्वारिका गए और वज्र तथा शेष बची यादव महिलाओं को हस्तिनापुर ले गए।
 
कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को हस्तिनापुर में मथुरा का राजा भी घोषित किया था। जब वज्रनाभ मथुरा के राजा बने, उस समय पूरा ब्रज्रमण्डल उजाड़ पड़ा था। उन्होंने महाराज परीक्षित और महर्षि शांडिल्य के सहयोग से संपूर्ण ब्रजमंडल की पुन: स्थापना की थी। वज्रनाभ के नाम से ही मथुरा क्षेत्र को ब्रजमंडल कहा जाता है। इस वज्र ने ही मथुरा में सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर बनवाया था।
 
कहते हैं कि ब्रजनाभ अनिरुद्ध के पुत्र थे। अनिरुद्ध प्रद्युम्न के पुत्र थे, और प्रद्युम्न रुक्मिणी के पुत्र थे।
 
संदर्भ : ।।इति महाभारत कथा।। मौसुल पर्व।।, कृष्णकोष.ओआरजी

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

Sukra Gochar : शुक्र का तुला राशि में गोचर, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएंगी सुख-सुविधाएं

Vastu Tips for Balcony: वास्तु के अनुसार कैसे सजाएं आप अपनी बालकनी

सितंबर 2024 : यह महीना क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें Monthly Rashifal

सभी देखें

धर्म संसार

Vastu Tips: घर में किचन किस दिशा में होना चाहिए और किस दिशा में नहीं होना चाहिए?

Sarvapitri amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या की 10 अनसुनी बातों को जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे

Ketu Gochar : पापी ग्रह केतु के नक्षत्र में होगा गुरु का प्रवेश, 3 राशियों की चमकने वाली है किस्‍मत

20 सितंबर : श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्मदिन आज, जानें उनका जीवन और 25 बहुमूल्य कथन

Aaj Ka Rashifal: 20 सितंबर 2024, कैसा बीतेगा आज आपका दिन, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

अगला लेख
More