Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

श्रीकृष्‍ण के उद्धव कौन लगते थे, जानिए उनका परिचय

हमें फॉलो करें श्रीकृष्‍ण के उद्धव कौन लगते थे, जानिए उनका परिचय

अनिरुद्ध जोशी

, बुधवार, 1 जुलाई 2020 (15:48 IST)
ब्रह्मवैवर्त पुराण में उद्धव के ब्रजगमन का प्रसंग आता है। उसमें उद्धव के ब्रजगमन और गोपियों को ब्रह्मज्ञान की शिक्षा देके का उल्लेख मिलता है। उद्धव का मानना था कि श्रीकृष्‍ण ने गोपियों को अपने प्रेमजाल में फांस रखा है तो इन्हें सच्चे ज्ञान ज्ञान की अनुभूति कराना जरूरी है। खैर, जानिए उद्धव कौन थे।
 
 
उद्धव श्रीकृष्ण के चाचा देवभाग के लड़के थे जो आयु में श्रीकृष्ण से थोड़े बड़े थे। उनका असली नाम बृहदबल था। उनके पिता का नाम 'उपंग' कहा गया। एक अन्य मत के अनुसार ये सत्यक के पुत्र तथा कृष्ण के मामा कहे गए हैं। उद्धव वृष्णिवंशीय यादवों के माननीय मन्त्री भी थे। उद्धव यादवों के परामर्शदाता होने के साथ-साथ योद्धा भी थे। जरासंध के आक्रमणों में इन्होंने अपने पराक्रम का परिचय दिया था।
 
बाल्यकाल में ही उन्हें देवताओं के गुरु बृहस्पति ने अपना शिष्य बना लिया था। देवगुरु बृहस्पति से उन्हें ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हुई और वे निरंतर प्रभु के निराकार और निर्गुण रूप की उपासना करते रहते थे। 
 
उनके गुरु बृहस्पति ने उन्हें बताया था कि कृष्ण रूप में तुम्हारे छोटे भाई भगवान विष्णु का अवतार हैं। इसलिए यह जानते हुए भी कि श्रीकृष्ण भगवान के पूर्णवातर है फिर भी उन्हें श्रीकृष्‍ण के शारीरिक रूप से उन्हें कोई मोह नहीं था। उनके अंतर में भी कहीं न कहीं ज्ञान का अहंकार छिपा हुआ था और वे निराकर परब्रह्म की उपासना को ही सच्चा मार्ग मानते थे। उनकी दृष्‍टि में ज्ञान ही महत्वपूर्ण था। श्रीकृष्‍ण यह बात जानते थे।
 
 
द्वारका में यादवों के कुल नाश के बाद जब श्रीकृष्ण ने अपने धाम जा रहे थे तो उद्धव ने भी उनके साथ जाने का आग्रह किया। उस समय श्रीकृष्ण ने बताया कि वह वसु नामक देव के अवतार हैं और यह उनका अंतिम जन्म है। इसके बाद श्रीकृष्ण ने उद्धव को योग मार्ग का उपदेश दिया। यह उपदेश उद्धव गीता या अवधूत गीतार्ध के नाम से प्रसिद्ध है। कृष्ण के इच्छा से उद्धव बदरिकाश्रम चले गए और वहीं तपस्या करते हुए उन्होंने अपनी देह त्याग दी थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Vamana Dwadashi 2020 : कैसे मनाएं वामन द्वादशी पर्व, पढ़ें महत्व एवं पूजा विधि