श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े 8 प्रमुख स्थान

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 3 नवंबर 2020 (15:08 IST)
प्राचीनकाल से चले आ रहे हिन्दू सनातन धर्म को श्रीकृष्ण ने एक नवीनतम रूप देकर भागवत धर्म की स्थापना की थी। इसमें वेदव्यास मुनि का भी बहुत योगदान रहा है। आओ जानते हैं कि श्रीकृष्ण के काल में कहां कहां उनकी मुख्‍य रूप से स्थापना हो चली थी।
 
 
श्रीकृष्ण के जीवन में 8 अंक का अजब ही संयोग रहा है। भगवान विष्णु ने आठवें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के अट्ठाईसवें द्वापर में आठवें अवतार श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से आठवें पुत्र के रूप में मथुरा के कारागर में जन्म लिया था।
 
उनका जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के सात मुहूर्त निकल गए और जब आठवां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में हुआ था। उस लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की दृष्टि थी। रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में ईसा से 3112 वर्ष पूर्व उनका जन्म हुआ। ज्योतिषियों अनुसार उस समय शून्य काल (रात 12 बजे) था।
 
भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव के आठवें पुत्र थे। उनकी आठ सखियां, आठ पत्नियां, आठ मित्र और आठ शत्रु थे। गुरु संदीपनि ने कृष्ण को वेद शास्त्रों सहित 14 विद्या और 64 कलाओं का ज्ञान दिया था। इस तरह उनके जीवन में आठ अंक का बहुत संयोग है। इसी तरह प्रमुख रूप से आठ नगर में ही उनका अधिकतर जीवन संचालित हुआ है।
 
1.मथुरा : जहां उनका जन्म हुआ और जहां रहकर जरासंध से कई युद्ध किए।
2.गोकुल-नंदगांव : जहां उनका बचपन गुजरा और कई असुरों का वध किया।
3.वृंदावन-मधुबन : जहां उन्होंने रास रचा और दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया।
4.गोवर्धन : जहां उन्होंने पहाड़ को उठाकर नई परंपरा और त्योहार को प्रकट किया।
5.बरसाना : जहां उनकी प्रेमिका राधा रानी रहती थीं।
6.उज्जैन : मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ उज्जैन में सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण के पढ़ाई की थी। इसीलिए यह स्थान भी बहुत महत्व रखता है। यहां भी श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध मंदिर है।
7.द्वारिका : जहां उन्होंने नया नगर बसाकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की थी। यहीं पर उनका विवाह हुआ और आगे का जीवन चला।
8.प्राभाष क्षेत्र : सोमनाथ के पास प्रभाष क्षेत्र जहां पर उन्होंने अपनी देह त्याग दी थी।
 
#इसके अलावा अन्य प्रमुख स्थान :
9.जगन्नाथपुरी : यहां पर उन्हें मुख्य रूप से अपने भाई और बहन के साथ पूजा जाता है।
10.श्रीनाथ मंदिर :  राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथजी का मंदिर। यहां भगवान श्रीकृष्ण को श्रीनाथ कहते हैं। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के वल्लभ सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ स्थानों में सर्वोपरि माना जाता है। 
11.श्रीकृष्ण मठ मंदिर, उडुपी : 'उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर' कर्नाटक में स्थित है। इसका निर्माण संत माधवचार्य ने 13वीं सदी में करवाया था। यह मंदिर लकड़ी और पत्थर से बना हुआ है। इस मंदिर के पास मौजूद तालाब के पानी में मंदिर का प्रतिबिंब दिखाई देता है। भक्ति के लिए ये मंदिर बेहद पवित्र माना जाता है।
 
12.अरुलमिगु श्री पार्थसारथी स्वामी मंदिर : 8वीं सदी में बना यह मंदिर चेन्नई में स्थित है। यहां पर भगवान श्रीविष्णु की कई आकर्षक मूर्तियां मौजूद हैं। यह मंदिर भी पूरे दक्षिण भारत में बहुत प्रसिद्ध है।
 
13.पंढरपुर का विठोबा मंदिर : पंढरपुर का विठोबा मंदिर पश्चिमी भारत के दक्षिणी महाराष्ट्र राज्य में भीमा नदी के तट पर शोलापुर नगर के पश्चिम में स्थित है। इस मंदिर में विठोबा के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। यहां भक्तराज पुंडलिक का स्मारक बना हुआ है।

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