Navratri

कितने प्रकार के होते हैं शिवलिंग, किसकी पूजा करने का है खास महत्व

WD Feature Desk
सोमवार, 7 जुलाई 2025 (15:38 IST)
Shivling Types: शिवलिंग भगवान शिव का निराकार रूप है, जो ब्रह्मांड की समग्रता और शिव-शक्ति के मिलन का प्रतीक है। शिव पुराण और अन्य शास्त्रों में पारद और स्फटिक शिवलिंग को विशेष रूप से फलदायी बताया गया है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग होते हैं और प्रत्येक की अपनी विशेषता और पूजा का अलग महत्व है। शिवलिंग को कई आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि निर्माण सामग्री, उनकी प्रकृति (स्वयंभू या मानव निर्मित), और उनके आकार। कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं। आइए यहां जानते हैं... ALSO READ: सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय
 
शिवलिंग के प्रमुख प्रकार: 
 
1. स्वयंभू शिवलिंग: ये शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट होते हैं, जैसे ज्योतिर्लिंग। इनका विशेष महत्व होता है और इन्हें अत्यंत पवित्र माना जाता है।
 
2. पार्थिव शिवलिंग: मिट्टी से बनाए गए शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहते हैं। इनकी पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन के महीने में इनकी पूजा का विशेष महत्व होता है।
 
3. पारद शिवलिंग: पारे को ठोस करके बनाए गए शिवलिंग को पारद शिवलिंग कहते हैं। इसे बहुत शुभ और शक्तिशाली माना जाता है। इसकी पूजा से सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
 
4. स्फटिक शिवलिंग: स्फटिक (क्वार्ट्ज क्रिस्टल) से बने शिवलिंग अपनी शुद्धता और पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। ये सकारात्मक ऊर्जा विकिरण (radiating) करते हैं और ध्यान व एकाग्रता में मदद करते हैं। इनकी पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
 
5. नर्मदेश्वर शिवलिंग: नर्मदा नदी से प्राप्त होने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते हैं। इन्हें स्वयंभू के समान ही पवित्र माना जाता है और इनकी पूजा से बहुत लाभ होता है।
 
6. धातु निर्मित शिवलिंग: सोना, चांदी, पीतल, तांबा, अष्टधातु आदि से बने शिवलिंग।
 
किसकी पूजा करने का है खास महत्व: हालांकि सभी प्रकार के शिवलिंगों की पूजा का अपना महत्व है, लेकिन कुछ को विशेष फलदायी माना जाता है:ALSO READ: सावन में भोलेनाथ के इन 5 तीर्थों पर होता है भव्य मेलों का आयोजन, लगता है शिव भक्तों का तांता
 
• ज्योतिर्लिंग: ये स्वयंभू होते हैं और इनका दर्शन मात्र भी पुण्यदायक माना जाता है।
 
• पार्थिव शिवलिंग: विशेष उद्देश्यों और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करना बहुत प्रभावी माना जाता है, खासकर रुद्राभिषेक के लिए।
 
• पारद शिवलिंग: इसे शिव पुराण में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसकी पूजा से सभी सिद्धियां और मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही भौतिक सुख-समृद्धि भी मिलती है। घर, दुकान या ऑफिस में पारद शिवलिंग रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
 
• स्फटिक शिवलिंग: इसे घर में पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।
 
• नर्मदेश्वर शिवलिंग: ये प्राकृतिक रूप से पवित्र होते हैं और इनकी पूजा से भी असीम लाभ मिलते हैं।
 
• धातु निर्मित स्वर्ण शिवलिंग: मोक्ष और ज्ञान प्रदान करता है, सभी भौतिक सुखों की पूर्ति करता है।
- रजत शिवलिंग: सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता है।
- पीतल शिवलिंग: आर्थिक परेशानियों को दूर करता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: चातुर्मास: जब शिव संभालते हैं सृष्टि और विष्णु लेते हैं योग निद्रा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या है बंगाल में महानवमी पर होने वाले धुनुची नृत्य का धार्मिक और पौराणिक महत्व

Sharadiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के 10 चमत्कारिक उपाय: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि के लिए

Dussehra 2025: दशहरा विजयादशमी कब है, शमी, अपराजिता देवी और शस्त्र पूजा का मुहूर्त क्या रहेगा?

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी की 10 खास बातें

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की अष्टमी के दिन करें 5 अचूक उपाय, पूरे वर्ष रहेगी खुशहाली

सभी देखें

धर्म संसार

28 September Birthday: आपको 28 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 28 सितंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

Ashtami puja 2025: शारदीय नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी के दिन घर पर हवन करने की संपूर्ण विधि और सामग्री

Weekly Horoscope 29- 05 October: साप्ताहिक राशिफल: जानें करियर, प्यार, व्यापार और सेहत का हाल

श्री कनक दुर्गा नंद लहरी: Sri Kanakadurga Anandalahari

अगला लेख