भगवान भोलेनाथ की मूर्ति या शिवलिंग पर केतकी और केवड़े का फूल, तुलसी, मेहंदी, हल्दी, कुमकुम, रोली, सिंदूर खंडित अक्षत, तिल, नारियल या नारियल का पानी नहीं अर्पित किया जाता है। आओ जानते हैं कि क्यों नहीं चढ़ाई जाती है मेहंदी, हल्दी और तुलसी।
1. मेहंदी : मेहंदी माता पर्वती को अर्पित की जाती है क्योंकि यह 16 श्रृंगार का हिस्सा है। भोलेनाथ का श्रृंगार को उनका भस्म है।
2. हल्दी : हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ती है। हल्दी, कुमकुम, रोली, सिंदूर और मेहंदी देवी पूजन की सामग्री है।
3. तुलसी : जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी को शिव पूजा में अर्पित नहीं करते हैं। कथानुसार जलंधर नामक राक्षस से सब त्रस्त थे लेकिन उसकी हत्या नहीं हो सकती थी क्योंकि उसकी पतिव्रता पत्नी वृंदा के तप से उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता था। तब विष्णु ने छल से वृंदा के पति का वेष धारण किया और उसका धर्म भ्रष्ट कर दिया जिसके बाद भगवान शिव ने जलंधर का वध कर दिया। तब पवित्र तुलसी ने स्वयं भगवान शिव को अपने स्वरूप से वंचित कर यह शाप दिया था कि आपकी पूजन सामग्री में मैं नहीं रहूंगी।