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Sawan somwar 2024: सावन के दूसरे सोमवार पर इस मुहूर्त में करें पंचामृत अभिषेक, मिलेंगे 5 फायदे

हमें फॉलो करें panchamrit abhishek

WD Feature Desk

, गुरुवार, 25 जुलाई 2024 (11:27 IST)
Sawan somwar 2024: श्रावण का दूसरा सोमवार 29 जुलाई 2024 को रहेगा। इस दिन कई शुभ संयोग के साथ शुभ मुहूर्त रहेंगे। सोमवार को शिवजी का अभिषेक किया जाता है। जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि कई प्रकार से अभिषेक किए जाते हैं। उन्हीं में एक है पंचामृत अभिषेक। इस शुभ मुहूर्त में यदि ये अभिषेक करते हैं तो उसे आपको 5 फायदे मिलेंगे।ALSO READ: इस सावन मास में 11 प्रकार के अभिषेक से करें शिवजी को प्रसन्न, हर मनोकामना होगी पूर्ण
 
सबसे शुभ मुहूर्त :-
1. अमृत काल: प्रात: 06:17 से 07:50 तक।
2. अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 तक।
 
क्या है पंचामृत अभिषेक: दूध, दही, घी, शक्कर और शहद को मिलाकर पंचामृत बनता है। इससे अभिषेक को किया जाता है। सबसे पहले गाय के ताजे दूध में पिसी मिश्री, शहद, दही एवं घी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। हालांकि शिवलिंग पर इन पांचों पदार्थ को अलग अलग अर्पित करके भी यह अभिषेक किया जाता है।ALSO READ: sawan somwar 2024: सावन की इन 7 तिथियों को रुद्राभिषेक के लिए माना जाता है सबसे शुभ
 
कैसे करें पंचामृत अभिषेक: 
  • सबसे पहले शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
  • इसके बाद धूप दीप प्रज्वलित करें।
  • इसके बाद एक कटोरी में कच्चा दूध लेकर उसे अर्पित करें।
  • फिर इसी तरह दही अर्पित करें। इसके बाद घी, मिश्री अर्पित करें। 
  • इसके बाद अंत में शहद अर्पित करें। आप चहें तो सभी को मिलाकर भी अभिषेक कर सकते हैं।
  • इसके बाद अंत में पुन: जलाभिषेक करने के बाद बिल्वपत्र, चंदन, नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजा करें।
  • अभिषेक एवं पूजा के बाद उनकी आरती उतारें। इसके बाद प्रसाद का वितरण करें।
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पंचामृत अभिषेक के पांच लाभ:
1. दूध- दूध पंचामृत का प्रथम भाग है। यह शुभ्रता का प्रतीक है अर्थात हमारा जीवन दूध की तरह निष्कलंक होना चाहिए। दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी। प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
 
2. दही- दही का गुण है कि यह दूसरों को अपने जैसा बनाता है। दही चढ़ाने का अर्थ यही है कि पहले हम निष्कलंक हो सद्गुण अपनाएं और दूसरों को भी अपने जैसा बनाएं। दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है।ALSO READ: Sawan Bhajan: सावन में सुनें भोलेनाथ के ये 4 मशहूर भजन, भक्ति से गूंज उठेगा घर
 
3. घी- घी स्निग्धता और स्नेह का प्रतीक है। सभी से हमारे स्नेहयुक्त संबंध हो, यही भावना है। घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है। 
 
4. शहद- शहद मीठा होने के साथ ही शक्तिशाली भी होता है। निर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं कर सकता, तन और मन से शक्तिशाली व्यक्ति ही सफलता पा सकता है। मधुयुक्त जल से अभिषेक करने पर धनवृद्धि होती है।
 
5. शकर- शकर का गुण है मिठास, शकर चढ़ाने का अर्थ है जीवन में मिठास घोलें। मीठा बोलना सभी को अच्छा लगता है और इससे मधुर व्यवहार बनता है।  पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।ALSO READ: Mangal gauri vrat 2024: सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत व्रत क्यों रखा जाता है?

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