श्रावण माह में व्रत नहीं रखने के 10 नुकसान

अनिरुद्ध जोशी
आषाढ़ी एकादशी से चातुर्मास लग जाते हैं। चातुर्मास के चार माह श्रावण, भादौ, आश्विन और कार्तिक में से श्रावण माह में व्रत रखना जरूरी होता है। आओ जानते हैं व्रत नहीं रखने के 10 नुकसान।
 
 
1. सावन माह में हमारी पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। ऐसे में यदि हम व्रत नहीं रखते हैं तो शरीर पर इसका गलत प्रभाव गिरता है और सेहत बिगड़ जाती है।
 
2. सावन माह में पत्तेदार सब्जियां पालक, मैथी, लाल भाजी, बथुआ, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां खाने से सेहत को नुकसान होता है। 
 
3. हिन्दुओं के 10 कर्तव्य या नियम हैं- ईश्वर प्राणिधान (भक्ति), संध्यावंदन (ध्यान और पूजा), व्रत (श्रावण माह व्रत, एकादशी और प्रदोष), तीर्थ (चार धाम, सप्तपुरी)  दान (अन्न, दीप, विद्या और वस्त्र), संक्रांति (मकर संक्रांति-कुंभ पर्व), पंच यज्ञ, सेवा कार्य, 16 संस्कार और धर्म प्रचार। उक्त में से व्रत नहीं रखने से नियम भंग होता है।‍ जिससे दैहिक, मानसिक और आत्मिक ताप होता है।
 
 
4. व्रत रखने का मूल उद्येश्य होता है संकल्प को विकसित करना। संकल्पवान मन में ही सकारात्मकता, दृढ़ता और एकनिष्ठता होती है। संकल्पवान व्यक्ति ही जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता हैं। जिस व्यक्ति में मन, वचन और कर्म की दृढ़ता या संकल्पता नहीं है वह मृत समान माना गया है। संकल्पहीन व्यक्ति की बातों, वादों, क्रोध, भावना और उसके प्रेम का कोई भरोसा नहीं।
 
5. धर्म और मान्यता के अनुसार व्रत रखने से देवी, देवता प्रसन्न होते हैं तथा कष्टों और परेशानियों को दूर करके, मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। व्रत नहीं रखने से देवी और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है 
 
6. यदि आप व्रत नहीं रखते हैं तो निश्‍चित ही एक दिन आपकी पाचन क्रिया सुस्त पड़ जाएगी। आंतों में सड़ाव लग सकता है। पेट फूल जाएगा, तोंद निकल आएगी।
 
7. व्रत नहीं रखने से आने वाले समय में आपको किसी भी प्रकार का गंभीर रोग हो सकता है। व्रत का अर्थ पूर्णत: भूखा रहकर शरीर को सूखाना नहीं बल्कि शरीर को कुछ समय के लिए आराम देना और उसमें से जहरिलें तत्वों को बाहर करना होता है। पशु, पक्षी और अन्य सभी प्राणी समय समय पर व्रत रखकर अपने शरीर को स्वास्थ कर लेते हैं। शरीर के स्वस्थ होने से मन और मस्तिष्क भी स्वस्थ हो जाते हैं। अत: रोग और शोक मिटाने वाले चतुर्मास में कुछ विशेष दिनों में व्रत रखना चाहिए। डॉक्टर परहेज रखने का कहे उससे पहले ही आप व्रत रखना शुरू कर दें।
 
8. व्रत रखने के दौरान फैट बर्निंग प्रोसेस तेज हो जाता है. जिससे चर्बी तेजी से गलना शुरू हो जाती है और यदि आप व्रत नहीं रखने हैं तो चर्बी बढ़ती रहती है और आपकी हड्डियों पर इसके कारण दबाव बनता है। इससे मानसिक क्षमता और हमारी दिमागी शांति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
 
9. व्रत नहीं रखने से आपनी प्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है और किसी भी रोग से लड़ने के लिए जरूरी है। व्रत करने से नई रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं के बनने में मदद होती है।
 
10. कई अध्ययनों में ये पाया गया है कि कुछ समय के लिए व्रत रखने से मेटाबॉलिक रेट में 3 से 14 फीसदी तक बढ़ोत्तरी होती है। इससे पाचन क्रिया और कैलोरी बर्न होने में कम वक्त लगता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो एक उम्र के बाद कई तरह के गंभीर रोग के शिकार हो सकते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

26 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

26 नवंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Education horoscope 2025: वर्ष 2025 में कैसी रहेगी छात्रों की पढ़ाई, जानिए 12 राशियों का वार्षिक राशिफल

अगला लेख
More