Sawan month me shivling ki puja kaise kare : 4 जुलाई 2023 से सावन का माह प्रारंभ हो रहा है जो 31 अगस्त तक चलेगा। इस माह में देवों के देव महादेव की मूर्ति और शिवलिंग की पूजा होती है। शिवलिंग पर जलाभिषेक और पंचामृत अभिषेक किया जाता है। शिवलिंग की पूजा करने से पहले जानें कि श्रावण माह में प्रमुख रूप से किस शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा प्रभावकारी होती है।
शिवलिंग के प्रकार :-
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प्रमुख रूप से शिवलिंग 2 प्रकार के होते हैं- पहला आकाशीय या उल्का शिवलिंग और दूसरा पारद शिवलिंग।
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पहला उल्कापिंड की तरह काला अंडाकार लिए हुए। ऐसे शिवलिंग को ही भारत में ज्योतिर्लिंग कहते हैं।
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दूसरा मानव द्वारा निर्मित पारे से बना शिवलिंग होता है। पारद विज्ञान प्राचीन वैदिक विज्ञान है।
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इसके अलावा पुराणों के अनुसार शिवलिंग के प्रमुख 6 प्रकार होते हैं- देवलिंग, असुरलिंग, अर्शलिंग, पुराणलिंग, मनुष्यलिंग और स्वयंभूलिंग।
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इसके अलावा मिश्री शिवलिंग, जौं और चावल से बने शिवलिंग, भस्म शिवलिंग, गुड़ शिवलिंग, फल-फूल के शिवलिंग, स्वर्ण-रजत से बने शिवलिंग, बिबर मिट्टी के शिवलिंग, दही से बने शिवलिंग, लहसुनिया शिवलिंग आदि कई शिवलिंग हैं।
सावन में किस शिवलिंग की पूजा करें : श्रावण माह में व्यक्ति को पार्थिव शिवलिंग, स्वयंभू शिवलिंग, पुराणलिंग, मनुष्यलिंग या परद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। सबसे ज्यादा प्रभावकारी स्वयंभू शिवलिंग है।
देश के प्रमुख शिवलिंग की करें पूजा :
सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश), महाकाल (मध्यप्रदेश), ममलेश्वर (मध्यप्रदेश), बैद्यनाथ (झारखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), केदारनाथ (उत्तराखंड), विश्वनाथ (उत्तरप्रदेश), त्र्यम्बकेश्वर (महाराष्ट्र), नागेश्वर (गुजरात), रामेश्वरम् (तमिलनाडु), घृश्णेश्वर (महाराष्ट्र), अमरनाथ (जम्मू-कश्मीर), पशुपतिनाथ (नेपाल), कालेश्वर (तेलंगाना), श्रीकालाहस्ती (आंध्रप्रदेश), एकम्बरेश्वर (तमिलनाडु), अरुणाचल (तमिलनाडु), तिलई नटराज मंदिर (तमिलनाडु), लिंगराज (ओडिशा), मुरुदेश्वर शिव मंदिर (कर्नाटक), शोर मंदिर, महाबलीपुरम् (तमिलनाडु), कैलाश मंदिर एलोरा (महाराष्ट्र), कुम्भेश्वर मंदिर (तमिलनाडु), बादामी मंदिर (कर्नाटक) आदि सैकड़ों प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर हैं।