rudrabhishek ke fayde in hindi : 14 जुलाई 2022 से श्रावण मास प्रारंभ हो गया है। सावन माह में सोमवार, प्रदोष, शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए। रुद्राभिषेक 18 प्रकार का होता है और इससे 18 तरह के ही लाभ मिलते हैं। विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। आओ जानते हैं इस संबंध में विशेष जानकारी।
- रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।
- हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है।
- रुद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं।
रुद्राभिषेक के 18 आश्चर्यजनक लाभ:
1. जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
2. असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
3. भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
4. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
5. धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
6. तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
7. इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
8. पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
9. रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
10. ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगा जल से रुद्राभिषेक करें।
11. सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
12. प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
13. शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
14. सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
15. शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
16. पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
17. गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
18. पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
श्रावण मास में मंत्र, गोदुग्ध या अन्य दूध मिलाकर अथवा केवल दूध से भी अभिषेक किया जाता है। विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और चीनी से अलग-अलग अथवा सबको मिलाकर पंचामृत से भी अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक आपके अभीष्ट सिद्धि के लिए फलदायक है।