Mahakal Sawari 2024: उज्जैन महाकाल की पहली सवारी में किस रूप में दर्शन देंगे बाबा, मंदिर में क्या रहेगी दर्शन व्यवस्था?
उज्जैन में महाकाल की प्रथम सारी, जानिए पालकी मार्ग, कवड़ियों के दर्शन की व्यवस्था और सुरक्षा
Mahakal Sawari 2024: 22 जुलाई 2024 सोमवार से सावन माह प्रारंभ हो गया है। उज्जैन में महाकाल बाबा की आज पहली सवारी निकल रही है। 29 जुलाई को दूसरी, 5 अगस्त को तीसरी, 12 अगस्त को चौथी, 19 अगस्त को पांचवी, 26 अगस्त को छठी, 2 सितंबर को अंतिम शाही सवारी निकलेगी। आओ जानते हैं पहली सवारी में बाबा का क्या होगा स्वरूप और कौनसी से मार्ग से निकलेगी सवारी।
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पहल सवारी में चंद्र मौलेश्वर स्वरूप में बाबा देंगे दर्शन:-
भगवान शिव के सिर पर वक्री एवं अर्ध चंद्रमा विराजमान है। इस रूप में भगवान का चंद्र स्वरूप दर्शाया जाता है। इसीलिए इसे चंद्र मौलेश्वर कहते हैं। इस रूप में उनके सिर पर बड़ा सा चंद्र लगा होता है। सबसे पहले चंद्रमा ने ही शिवजी की आराधना करके धरती पर शिवलिंग की स्थापना की थी। चंद्र एक नाम सोम भी है। सोमनाथ में उन्होंने शिवलिंग स्थापित करके पूजा की थी।
यह रहेगा महाकाल सवारी का मार्ग:-
महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद अपने तय समय पर शुरू होकर निकलेगी। मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी जाएगी। इसके बाद यह सवारी महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी।
रामघाट शिप्रा तट पर सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हए श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस लौटेगी।
सवारी की सुरक्षा व्यवस्था यह रहेगी:-
सवारी के लिए 2 चलित रथ से बाबा महाकाल की सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारियों के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाए बनाए रखने के लिए 2000 से अधिक का पुलिस बल और वॉलिंटियर्स तैनात किए जाएंगे। 5 ड्रोन के माध्यम से संपूर्ण सवारी मार्ग की निगरानी की जाएगी। अल्कोहल टेस्ट डिवाइस के माध्यम से वाहन चालकों की चेकिंग की जाएगी।
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मंदिर में इस समय कर सकेंगे दर्शन:-
सामान्य दर्शन व्यवस्था: इसके लिए प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदीद्वार जाकर श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन-फेसेलिटी सेंटर 01, टनल मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर सेकेंगे। भारत माता मंदिर की ओर से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश करके फेसेलिटी सेंटर 01, टनल मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से दर्शन करने के बाद निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) या नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
शीघ्र दर्शन व्यवस्था: इसके लिए 250 रुपये देकर द्वार नंबर 04 के रास्ते जाकर विश्रामधाम, रेम्प, सभा मंडपम होते हुए गणेश मंडपम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन कर सकते हैं। द्वार नम्बर 01 के रास्ते से भी फेसेलिटी सेंटर 01, व्यूकटर के रास्ते से मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से भगवान दर्शन कर सकते हैं। दर्शन के बाद निर्गम द्वार अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से बाहर आ सकते हैं।
कावड़ यात्रियों के लिए व्यवस्था: कावड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश देकर विश्रामधाम, रेम्प, सभा मंडपम में जल पात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करने की व्यवस्था की गई है। द्वार नंबर 01 के रास्ते से भी फेसेलिटी सेंटर 01, टनल के रास्ते, मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से जल अर्पण कर सकते हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के आने वाले कावड़ यात्री की व्यवस्था सामान्य दर्शन की तरह रहेगी। उक्त कावड़ यात्री कार्तिक मंडपम में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे।
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