किसको है श्राद्ध कर्म करने का अधिकार, जानिए

Shraddha Paksha 2020
अनिरुद्ध जोशी
तर्पण तथा पिंडदान केवल पिता के लिए ही नहीं बल्कि समस्त पूर्वजों एवं मृत परिजनों के लिए भी किया जाता है। समस्त कुल, परिवार तथा ऐसे लोगों को भी जल दिया जाता है, जिन्हे जल देने वाला कोई न हो। यहां प्रस्तुत है सामान्य रूप से यह कि कौन श्राद्ध कर सकता है।
 
 
1.पिता के श्राद्ध का अधिकार उसके बड़े पुत्र को है लेकिन यदि जिसके पुत्र न हो तो उसके सगे भाई या उनके पुत्र श्राद्ध कर सकते हैं। यदि कोई नहीं हो तो उसकी पत्नी कर सकती है।
 
3. श्राद्ध का अधिकार पुत्र को प्राप्त है। लेकिन यदि पुत्र जीवित न हो तो पौत्र, प्रपौत्र या विधवा पत्नी भी श्राद्ध कर सकती है। 
 
4. पुत्र के न रहने पर पत्नी का श्राद्ध पति भी कर सकता है। 
 
5. हालांकि जो कुंआरा मरा हो तो उसका श्राद्ध उसके सगे भाई कर सकते हैं और जिसके सगे भाई न हो, उसका श्राद्ध उसके दामाद या पुत्री के पुत्र (नाती) को और परिवार में कोई न होने पर उसने जिसे उत्तराधिकारी बनाया हो, वह व्यक्ति उसका श्राद्ध कर सकता है।
 
6. यदि सभी भाई अलग-अलग रहते हों तो वे भी अपने-अपने घरों में श्राद्ध का कार्य कर सकते हैं। यदि संयुक्त रूप से एक ही श्राद्ध करें तो वह अच्छा होता है। 
 
7. यदि कोई भी उत्तराधिकारी न हो तो प्रपौत्र या परिवार का कोई भी व्यक्ति श्राद्ध कर सकता है।

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