sarva pitru amavasya: सर्वपितृ अमावस्या कब है, जानिए इस दिन कैसे करें दूब, तिल और फूल का तर्पण

Webdunia
13 सितंबर 2019 से आरंभ श्राद्ध पक्ष 28 सितंबर को सर्व पितृ मोक्ष पक्ष अमावस्या के साथ संपन्न हो रहे हैं। इस बार सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर विशेष संयोग बन रहे हैं। 20 साल बाद सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या शनिवार के दिन है। इस दिन श्राद्ध करना कई गुना फलदायक माना गया है। पितृ पक्ष में शनिवार के दिन अमावस्या का योग अत्यंत सौभाग्यशाली है। 28 सितंबर को गोचर में पंचग्रही योग बन रहा है। इस दिन कन्या राशि में चंद्र, मंगल, बुध, शुक्र ओर सूर्य ग्रह भी उपस्थित रहेंगे, जो विशेष फलदायी होंगे।
 
पितृ पक्ष में परिवार के पितर देवता पृथ्वी पर आते हैं। परिवार के मृत सदस्यों की मृत्यु तिथि पर पितृ पक्ष में तर्पण आदि पुण्य कर्म किए जाते हैं।

पिंडदान, अन्न और जल ग्रहण करने की इच्छा से पितर देवता अपने परिवार के पास आते हैं। उनकी तृप्ति के लिए ही शुभ काम किए जाते हैं। इन शुभ कामों से पितरों को शक्ति मिलती है और वे पितृ लोक तक कुशलता से सफर कर पाते हैं। ऐसी धार्मिक मान्यता है।
 
पितृ पक्ष में रोज तर्पण करना चाहिए। अगर प्रतिदिन संभव नहीं है तो अमावस्या के दिन इसे करना न भूलें। एक लोटे में जल भरें, जल में फूल, दूब, गुड़ और तिल मिलाएं। ये जल पितरों को अर्पित करें। जल अर्पित करने के लिए जल हथेली में लेकर अंगूठे की ओर से चढ़ाएं।
 
जिस दिन आपके घर श्राद्ध तिथि हो उस दिन सूर्योदय से लेकर 12 बजकर 24 मिनट की अवधि के मध्य ही श्राद्ध करें। प्रयास करें कि इसके पहले ही ब्राह्मण से तर्पण आदि करा लें। श्राद्ध करने में दूध, गंगाजल, मधु, वस्त्र, कुश, अभिजित मुहूर्त और तिल मुख्य रूप से अनिवार्य है। तुलसीदल से पिंडदान करने से पितर पूर्ण तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं।
 
श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित्त ब्राह्मणों को भोजन कराने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। अपनी शक्ति के अनुसार किसी 1 ब्राह्मण को या ज्यादा ब्राह्मण को इस पक्ष में भोजन कराना चाहिए। सार्मथ्य के अनुसार अनाज और वस्त्र का दान करें। तर्पण आदि कामों में चांदी के बर्तन का उपयोग करना चाहिए। चांदी के बर्तन इन कर्मों के लिए शुभ माने गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख
More