अश्विन मास की अमावस्या तिथि अति महत्वपूर्ण होती है, इसे पितृ मोक्ष अमावस्या कहते है। इस दिन पितृ पक्ष की समाप्ति के साथ पितरों की विदाई की जाती है।
इस वर्ष पितृ मोक्ष अमावस्या शनिवार के दिन होने से ओर अधिक विशेष हो गई है, करीब 20 वर्षों के बाद ऐसा संयोग आया है कि पितृ मोक्ष अमावस्या शनिवार के दिन आ रही है। अतः यह विशेष फलदायी है।
वैसे भी सनातन धर्म में शनिश्चरी अमावस्या को विशेष बताया गया है। इस दिन पितरों की विदाई की जाती है, हमारे किसी भी पितृ जिनकी तिथि हमे ज्ञात नहीं है, पितृ मोक्ष अमावस्या को उनके निमित्त श्राद्ध करने से पितृ तृप्त होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते है जिससे सुख, समृद्धि एवं संतुष्टि प्राप्त होती है।
सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है। अतः पितृ मोक्ष अमावस्या को श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
पितृ मोक्ष अमावस्या शनिवार (28 सितंबर 2019) को मनाई जाएगी।
इस दिन विशेष लाभ हेतु कुछ महत्त्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं :-
1. पितरों के निमित्त विधिवत श्राद्ध, तर्पण, विदाई एवं ब्राह्मण भोजन। काक, गौ, कुत्ता, पिपीलिका व अतिथि को भोजन।
2. पीपल के वृक्ष पर काली तिलसहित जल अर्पण एवं तेल का दीपक लगाएं।
3. पंडित को वस्त्र दान करें।
4. गीता के 7वें व 11वें अध्याय का पाठ करें।
5. सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।