शिवरात्रि पर्व विशेष : परम कल्याणकारी शिवाष्टक स्तोत्र

Webdunia
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है परम कल्याणकारी शिवाष्टक स्तोत्र। यह लयात्मक स्तोत्र बहुत थोड़े समय में कंठस्थ हो जाता है और कुछ न करके यदि साधक भगवान शिव का ध्यान करते हुए केवल इस स्तोत्र का ही श्रद्धापूर्वक पाठ करे, तो वह शिवजी का कृपापात्र हो जाता है।

यह रुद्राष्टक बहुत प्रसिद्ध और त्वरित फलदायी है। यह रामचरित मानस से लिया गया है। 
 
'ॐ नमः शिवायः'  
 
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्‌ ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्‌ ॥
 
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्‌ ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्‌ ॥
 
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्‌ ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
 
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्‌ ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
 
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम्‌ ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम्‌ ॥
 
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
 
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्‌ ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
 
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम्‌ सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्‌ ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
 
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। 
 
  ॥इति श्रीगोस्वामीतुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम्॥

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शिव चालीसा पढ़ते समय ये गलतियां तो नहीं करते हैं आप?

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

विजया एकादशी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का फल

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

सभी देखें

धर्म संसार

20 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

वर्ष 2025 के मध्य में क्या सचमुच देश और दुनिया में होने वाला है कुछ बड़ा?

20 फरवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्यों दी जाती है संतों को जल समाधि, जानिए क्या है जल समाधि से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

छत्रपति शिवाजी महाराज कैसे बने श्री तुलजाभवानी के उपासक, क्या आज भी है इस शक्तिपीठ का महत्व?

अगला लेख
More